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खरोरा के सतनाम धाम में ऐतिहासिक आयोजन: बाबा गुरु घासीदास की जयंती एक साथ 63 गांवों में मनाई गई

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के खरोरा स्थित सतनाम धाम में 18 दिसंबर को एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जिसमें बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती 63 गांवों में एक साथ मनाई गई। इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता या मंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित नहीं किया गया।

कार्यक्रम की पृष्ठभूमि

  • सामाजिक एकजुटता का निर्णय:
    एक महीने पहले सतनाम धाम में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि पूरे क्षेत्र में बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती एक ही दिन मनाई जाएगी।
  • नेतृत्व:
    यह आयोजन सतनाम धाम के संरक्षक वेदराम मनहरे के नेतृत्व और समाज के वरिष्ठजनों की सहमति से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

मुख्य आयोजन और अनूठी पहल

  1. पालो चढ़ाने की परंपरा:
    सतनाम धाम खरोरा के जोड़ा जैतखाम में पालो चढ़ाने के साथ यह आयोजन शुरू हुआ।
  2. सात वचनों का संकल्प:
    बाबा जी के सात वचनों को आत्मसात करने का प्रण लिया गया।
  3. सादगी भरा आयोजन:
    किसी भी प्रकार के भव्य समारोह या राजनीतिक उपस्थिति के बिना इस कार्यक्रम को हर्षोल्लास और सादगी के साथ मनाया गया।

हर सोमवार को सतनाम महाआरती का आयोजन

  • हर गांव में सामाजिक संगठन बनाने और हर सोमवार सतनाम महाआरती करने का निर्णय लिया गया।
  • इस पहल के तहत क्षेत्रीय बैठकें आयोजित की गईं और जिम्मेदारियां बांटी गईं।

परिक्षेत्र प्रभारियों की नियुक्ति

समाज ने 5 परिक्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रभारियों को जिम्मेदारी सौंपी:

  1. खरोरा केसला परिक्षेत्र:
    • श्यामसुंदर बांधे, ढेलू राम नारंग, राम कुमार कोसरिया।
  2. नहरडीह परिक्षेत्र:
    • दौलत राम बंजारे, रवि सायतोड़े, दिलीप मारकंडे।
  3. मोहरेंगा परिक्षेत्र:
    • बनवाली राम शान, सुरेंद्र गिलहरे, प्रवीण गिलहरे।
  4. मांठ परिक्षेत्र:
    • प्रकाश गिलहरे, लालदास गिलहरे, जितेंद्र कोसरिया।
  5. कुर्रा बंगोली परिक्षेत्र:
    • विश्राम गिलहरे, मनोज आडिल, चरण बर्मन।

समाज की एकजुटता का परिचय

  • पहली बार 63 गांवों में एक ही दिन बाबा जी की जयंती मनाई गई।
  • समाज के वरिष्ठजनों ने हर गांव के भंडारी और पाटीदार का श्रीफल, शॉल और चंदन लगाकर सम्मान किया।

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