गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा: नक्सल मुद्दे पर बड़ी बैठक और पंडुम महोत्सव में होंगे शामिल
गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा: नक्सल मुद्दे पर बड़ी बैठक और पंडुम महोत्सव में होंगे शामिल

RAIPUR NEWS – द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 और 5 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहेंगे। इस दौरे के दौरान वे सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे और राज्य के प्रमुख नेताओं एवं अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा, शाह बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में आयोजित पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में भी भाग लेंगे। इस दौरे को छत्तीसगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था और नक्सल समस्या के समाधान के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पहले दिन का कार्यक्रम: –
अमित शाह 4 अप्रैल की शाम रायपुर पहुंचेंगे, जहां वे राज्य सरकार के अधिकारियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में छत्तीसगढ़ की राजनीतिक स्थिति और आगामी चुनावों पर भी चर्चा होने की संभावना है। साथ ही, वे राज्य में चल रहे विकास कार्यों और सुरक्षा अभियानों की समीक्षा करेंगे।
दूसरे दिन का कार्यक्रम: –
5 अप्रैल को गृहमंत्री अमित शाह दंतेवाड़ा जिले में स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद वे पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे। यह महोत्सव बस्तर की पारंपरिक संस्कृति और जनजातीय परंपराओं का प्रतीक है, जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं।
इसके अलावा, शाह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक भी करेंगे। इस बैठक में राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के कमांडर और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा की जाएगी और आगे की रणनीतियों पर चर्चा होगी।
दौरे का महत्व: –
अमित शाह का यह दौरा छत्तीसगढ़ के लिए कई मायनों में अहम माना जा रहा है।
✅ नक्सल विरोधी अभियान को मजबूती: नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की रणनीति को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया जाएगा।
✅ राजनीतिक माहौल को साधने की कोशिश: आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास करेगी।
✅ जनजातीय समुदाय से सीधा संवाद: पंडुम महोत्सव में भाग लेकर गृहमंत्री स्थानीय जनजातीय समुदाय के साथ सीधा जुड़ने का संदेश देंगे।
इस दौरे से उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के समाधान को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे और राज्य में शांति एवं विकास को बढ़ावा मिलेगा।