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सिविल अस्पताल के कर्मचारियों पर अवैध निजी चिकित्सा सेवा संचालन का आरोप

बलौदाबाजार जिले के भाटापारा स्थित सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के कुछ महिला और पुरुष कर्मचारियों द्वारा शासकीय नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से निजी चिकित्सा सेवा संचालित करने का मामला सामने आया है। बिना किसी पंजीयन और अनुमति के ये कर्मचारी अपने घरों में मरीजों का इलाज कर रहे हैं, सरकारी दवाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं और मरीजों से शुल्क वसूल रहे हैं।

निजी प्रैक्टिस में लिप्त, सरकारी कर्तव्यों की अनदेखी

सूत्रों के अनुसार, कई स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर महज औपचारिक उपस्थिति दर्ज कराकर अधिकांश समय निजी प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं। शासकीय नियमों के तहत किसी भी सरकारी स्वास्थ्य कर्मचारी को निजी क्लीनिक या अस्पताल संचालित करने की अनुमति नहीं होती है, इसके बावजूद यह अवैध गतिविधियां जारी हैं।

मरीजों की सुरक्षा पर संकट

अवैध चिकित्सा सेवा न केवल सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को दर्शाती है, बल्कि मरीजों की जान को भी खतरे में डालती है। बिना उचित पंजीयन और मानकों के इलाज करने से गलत इलाज और दवाओं के दुष्प्रभाव का जोखिम बढ़ जाता है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। आम जनता ने मांग की है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता बनी रहे और मरीजों का शोषण न हो।

जिला कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

इस मामले को लेकर जब जिला कलेक्टर दीपक सोनी से चर्चा की गई, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा, “किसी भी तरह के नियम उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।”

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