रायपुर

विरोध का असर: अस्पतालों में मीडिया प्रतिबंध का ‘तुगलकी फरमान’ रद्द

विरोध का असर: अस्पतालों में मीडिया प्रतिबंध का 'तुगलकी फरमान' रद्द

रायपुर, 21 जून 2025: छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर लगाए गए प्रतिबंधों वाला विवादास्पद आदेश आखिरकार रद्द कर दिया गया है। पत्रकारों के तीखे विरोध और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कड़ी नाराजगी के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग को अपना ‘तुगलकी फरमान’ वापस लेना पड़ा। यह निर्णय मीडिया की स्वतंत्रता और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है।

दरअसल, कुछ समय पहले स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें सरकारी अस्पतालों के भीतर मीडिया कवरेज पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे। इस आदेश के तहत, पत्रकारों को बिना पूर्व अनुमति के अस्पतालों में प्रवेश करने, मरीजों से बात करने या किसी भी प्रकार की फुटेज लेने से रोक दिया गया था। इस ‘तुगलकी फरमान’ को पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ माना गया, और इसे दबाने वाला कदम बताते हुए मीडिया जगत में भारी आक्रोश फैल गया।

इस आदेश के विरोध में रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारों ने जोरदार प्रदर्शन किए। पत्रकारों ने इस आदेश की प्रतियों को जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया, और सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। पत्रकार संगठनों ने इसे मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया और कहा कि यह आम जनता को सूचना से वंचित करने का प्रयास है। सोशल मीडिया पर भी इस आदेश की जमकर आलोचना हुई और #MediaFreedom जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

पत्रकारों के विरोध प्रदर्शनों और इस मामले पर बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी इस आदेश पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान करती है और किसी भी तरह के प्रतिबंधों के पक्ष में नहीं है। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद ही, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया।

यह घटना दर्शाती है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडिया की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है और कैसे एकजुट विरोध किसी गलत फैसले को बदलने पर मजबूर कर सकता है। अस्पतालों में मीडिया की पहुंच मरीजों और उनके परिवारों की समस्याओं को उजागर करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। इस आदेश की वापसी से यह सुनिश्चित हुआ है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में पारदर्शिता बनी रहेगी और जनता को सही जानकारी मिलती रहेगी।

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