छत्तीसगढ़ में ई-ऑफिस प्रणाली का क्रियान्वयन: 31 मार्च तक सभी विभागों में लागू करने के निर्देश
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली को सभी सरकारी विभागों में 31 मार्च 2025 तक
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली को सभी सरकारी विभागों में 31 मार्च 2025 तक अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस नई व्यवस्था के तहत सरकारी फाइल और रिकॉर्ड प्रबंधन को पूरी तरह से डिजिटल किया जाएगा, जिससे सरकारी कार्यों की गति और पारदर्शिता में सुधार होगा।
क्या है ई-ऑफिस प्रणाली?
ई-ऑफिस एक एकीकृत फाइल और रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली है, जो सरकारी कर्मचारियों को दस्तावेजों का प्रबंधन करने, डेटा सुलभ करने और सुचारू रूप से सहयोग करने में मदद करती है। अधिकारियों के अनुसार, इस प्रणाली के माध्यम से सरकारी प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी, प्रभावी और त्वरित होंगी, जिससे आम जनता को भी बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
सक्ती बना पहला ई-ऑफिस जिला
छत्तीसगढ़ में ई-ऑफिस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। अब तक 16 विभागाध्यक्ष कार्यालयों को इस डिजिटल प्रणाली से जोड़ा जा चुका है। जिला स्तर पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया जारी है और सक्ती पहला जिला बन गया है जहां ई-ऑफिस प्रणाली पूरी तरह से क्रियान्वित हो चुकी है।
ई-ऑफिस से कामकाज में होंगे ये बड़े बदलाव
🔹 फाइल ट्रैकिंग होगी आसान: किसी भी सरकारी फाइल की स्थिति को ट्रैक करना आसान होगा, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी।
🔹 कार्यक्षमता में वृद्धि: प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और सरकारी कर्मचारी अधिक दक्षता से कार्य कर सकेंगे।
🔹 भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक: सभी सरकारी कार्यों का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होने से अनियमितताओं की संभावना कम होगी।
🔹 कागजी दस्तावेजों में कमी: इस पहल से सरकारी दफ्तरों में कागजी कार्यवाही कम होगी, जिससे खर्च में भी कटौती होगी।
🔹 पर्यावरण संरक्षण में योगदान: पेपरलेस वर्क कल्चर को बढ़ावा देकर ई-ऑफिस पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेगा।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से सरकारी कार्यों की गति, दक्षता और पारदर्शिता में अभूतपूर्व सुधार होगा। यह पहल सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन (Automation) लाएगी, जिससे निर्णय लेने की गति तेज होगी और सरकार अधिक प्रभावी व जवाबदेह बनेगी।
ई-ऑफिस से सरकारी खर्चों में होगी बचत
सरकार का मानना है कि इस प्रणाली से मानव संसाधन और परिवहन लागत में भी कमी आएगी। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को बार-बार फाइलों की हार्ड कॉपी इधर-उधर भेजने की जरूरत नहीं होगी, जिससे सरकारी खर्चों में भारी बचत होगी