बिलासपुर, छत्तीसगढ़ — बीएड और डीएड मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। जस्टिस अमितेश किशोर प्रसाद ने 10 फरवरी से होने वाली काउंसिलिंग में उन बीएड धारियों को भी शामिल करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने अपनी डीएड उपाधि का उल्लेख पहले आवेदन में नहीं किया था। अगली सुनवाई 24 फरवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का पालन
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर डीएड अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए पहले शासन ने 2855 अभ्यर्थियों की सूची हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी। कोर्ट ने शासन को 15 दिन का समय दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर शासन आदेश का पालन नहीं करता तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नए याचिकाकर्ताओं का दावा
हाल ही में स्वाति देवांगन और अन्य बीएड धारकों ने हाईकोर्ट में एक नई याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने कहा कि वे भी उस काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल होना चाहते हैं, जिसमें डीएड धारियों की भर्ती होगी। इन अभ्यर्थियों ने अपनी याचिका में यह कारण बताया कि उन्होंने डीएड भी किया है, लेकिन पहले अपने आवेदन में इसका उल्लेख नहीं कर पाए थे।
कोर्ट का आदेश
सुनवाई करते हुए जस्टिस अमितेश किशोर प्रसाद ने कहा कि कोर्ट इस मामले के मेरिट्स पर कोई निर्णय नहीं देगा, लेकिन इन अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने काउंसिलिंग की तारीख को 5 फरवरी से बढ़ाकर 10 फरवरी कर दिया है। शासन को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय और याचिकाकर्ताओं को 2 सप्ताह का समय दिया गया है।