तनावपूर्ण माहौल में जयशंकर ने दिया दो-टूक जवाब: अब भारत उपदेश नहीं सुनेगा –
तनावपूर्ण माहौल में जयशंकर ने दिया दो-टूक जवाब: अब भारत उपदेश नहीं सुनेगा -

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर पश्चिमी देशों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने दो-टूक कहा कि भारत को अब ऐसे देशों की ज़रूरत है जो साथ चलें, न कि हर मोर्चे पर ज्ञान बांटें। जयशंकर का यह बयान उन देशों पर सीधा हमला माना जा रहा है जो बार-बार भारत को संयम बरतने की सलाह देते हैं, लेकिन खुद संघर्ष या अन्य संकटों पर अलग ही रवैया अपनाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अब वो देश नहीं रहा जिसे कोई निर्देश दे सके। “हम जानते हैं कि हमारे हित क्या हैं, और कैसे उनकी रक्षा करनी है। हमें सलाह देने वाले नहीं, भरोसेमंद साथी चाहिए,” जयशंकर ने कड़े लहजे में कहा।
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति अब आत्मविश्वास से भरी हुई है और वह बिना किसी दबाव के अपने फैसले लेता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उपदेश देने की बजाय, देशों को भारत की संप्रभुता और दृष्टिकोण का सम्मान करना चाहिए।
उनका यह बयान न केवल पाकिस्तान को संदेश था, बल्कि उन पश्चिमी देशों के लिए भी एक चेतावनी थी जो भारत की हर स्थिति पर अपनी ‘राजनयिक सलाहें’ देना जरूरी समझते हैं।
मुख्य बातें :-
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जयशंकर ने कहा, “भारत को भाषण नहीं, भागीदारी चाहिए।”
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कश्मीर जैसे मुद्दों पर दोहरे मापदंड अपनाने वाले देशों पर निशाना।
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भारत अब आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी विदेश नीति अपना रहा है।
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पश्चिमी देशों से भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की अपील।