
RAIPUR NEWS – छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बार फिर जोरदार एक्शन लिया है। CBI की टीम ने राज्य के कई बड़े शहरों में छापेमारी कर इस कथित घोटाले की तह में जाने की कोशिश की है। इस बीच छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए इसे “करप्शन टूरिज्म” का नमूना बताया है।
CBI की इस कार्रवाई में रायपुर, भिलाई, बिलासपुर और धमतरी जैसे शहरों में छापे मारे गए। जिन लोगों के घर और ठिकानों पर रेड डाली गई उनमें पूर्व CGPSC अध्यक्ष, आयोग के पूर्व सचिव और राज्यपाल के पूर्व सचिव जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी अधिकारी 2020 से 2022 के बीच PSC परीक्षाओं में चयन प्रक्रिया से जुड़े रहे थे।
CBI द्वारा दर्ज की गई प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार, इन वर्षों में आयोग की परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली की गई। आरोप है कि कई प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों के परिजनों को अनुचित तरीके से चयनित किया गया। परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की जगह जोड़-तोड़ और सिफारिशों ने जगह ली। इससे योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ और भर्ती प्रक्रिया की साख पर गंभीर सवाल उठे।
इस मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, “कांग्रेस के शासनकाल में PSC परीक्षा जैसे गंभीर विषय को भी मज़ाक बना दिया गया था। रिसॉर्ट्स में बैठकर पेपर सॉल्व कराए जाते थे। ये करप्शन टूरिज्म नहीं तो और क्या था?” उन्होंने यह भी दावा किया कि वर्तमान सरकार राज्य में पारदर्शिता और योग्यता को प्राथमिकता दे रही है।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने CBI की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य में विपक्ष की आवाज दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है।
फिलहाल CBI की जांच जारी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और नाम सामने आ सकते हैं। इस कार्रवाई ने ना सिर्फ प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है, बल्कि PSC जैसी प्रतिष्ठित संस्था की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता अब यह जानने को उत्सुक है कि सच्चाई क्या है और दोषियों को कब सजा मिलेगी।