रायपुर में अपराध का बढ़ता ग्राफ: बदमाशों की संख्या में तेज़ी से इजाफा, पुलिस की चुनौतियां बढ़ीं
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले एक साल में 150 से अधिक नए अपराधियों की पहचान हुई है
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले एक साल में 150 से अधिक नए अपराधियों की पहचान हुई है। इनमें चाकूबाजी, मारपीट और हत्या जैसी संगीन वारदातों में शामिल बदमाश भी शामिल हैं। लगातार बढ़ते अपराध और वर्चस्व की लड़ाई ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
2024 में बदमाशों की संख्या में बड़ा इजाफा
पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में निगरानी सूची में बदमाशों की संख्या 309 और गुंडे-बदमाशों की संख्या 620 हो चुकी है। 2023 में यह आंकड़ा 450 था। अपराधियों में बाहरी राज्यों और जिलों से आने वाले लोग प्रमुख रूप से शामिल हैं, जो रायपुर में अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
हत्या की घटनाएं 23% बढ़ीं
बढ़ते अपराधों का असर हत्या की घटनाओं पर भी पड़ा है। 2023 में 63 हत्याएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 78 हो गई। यह वृद्धि 23% की है। जनवरी 2025 में ही जिले में आधा दर्जन से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, जिनमें से 10 मामलों के अपराधी अब तक फरार हैं।
शराब और सूखा नशा अपराधों का मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते अपराधों का एक बड़ा कारण शराब और सूखा नशा है। कई बदमाश नशे की हालत में गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। गुढ़ियारी क्षेत्र में हाल ही में सूखा नशे के चलते हत्या की वारदात हुई, जो इस समस्या को उजागर करती है।
बदमाशों के बीच वर्चस्व की लड़ाई
शहर में बदमाशों के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी अपराध की बड़ी वजह बन रही है। गुढ़ियारी और आजाद चौक थाना क्षेत्रों में हाल की घटनाओं में आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई के चलते कई लोग घायल हुए हैं।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
पुलिस ने बदमाशों पर शिकंजा कसने के लिए अभियान तेज कर दिया है।
- नियमित रूप से बदमाशों की थाना परेड कराई जा रही है।
- आदतन अपराधियों पर जिलाबदर और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा रही है।
- सिटी एएसपी लखन पटले ने बताया कि पुलिस बदमाशों के खिलाफ लगातार सख्ती बरत रही है।
विशेषज्ञों की राय
सेवानिवृत्त एएसपी राजीव शर्मा का मानना है कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए बदमाशों की जमानत प्रक्रिया को सख्त किया जाना चाहिए। इसके अलावा, अवैध संपत्ति को जब्त करने और नशे के कारोबारियों के बैंक खाते फ्रीज करने जैसे कदम उठाने की जरूरत है।
स्लम इलाकों में बढ़ते अपराध
पुलिस की जांच के मुताबिक, ज्यादातर बदमाश स्लम इलाकों और ईडब्ल्यूएस मकानों में रहते हैं। इन क्षेत्रों में पुलिस समय-समय पर छापेमारी करती रहती है।
समाप्ति
रायपुर में बढ़ते अपराध और बदमाशों की संख्या न केवल सुरक्षा बलों के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है। पुलिस और प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अपराधों पर लगाम लगाने की उम्मीद की जा रही है।