कभी भारत ने बुझाई थी तड़पते मालदीव की प्यास, अब चीन ने तिब्बत के ग्लेशियर से फिर भेजा पानी…
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हिंद महासागर में स्थित द्वीप राष्ट्र मालदीव पर पानी के पानी का संकट मंडरा रहा है।
जहां पहले भारत इस तरह के संकट में मालदीव की मदद करता आ रहा था लेकिन अब ऐसा प्रतीता होता है कि चीन ने उसकी जगह ले ली है।
चीन ने मालदीव को 1,500 टन पानी की खेप सौंपी है, जो दो महीने से भी कम समय में इस तरह का दूसरा योगदान है। ये पानी तिब्बती ग्लेशियरों से प्राप्त किया गया है। एक मीडिया खबर में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
यह उन कई अनुदानों और सहायता में सबसे हालिया खेप है जिसका चीन ने मालदीव को वादा किया है, खासकर जब से चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर 2023 में राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला है।
समाचार पोर्टल सन डॉट एमवी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन के जिजांग स्वायत्त क्षेत्र ने बृहस्पतिवार को मालदीव सरकार को 1,500 टन पेयजल दान दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने कहा कि दान किया गया पानी पेयजल की किल्लत के दौरान उपयोग के लिए नागरिकों को वितरित किया जाएगा। इससे पहले 27 मार्च को मालदीव सरकार ने उसे चीन से 1,500 टन पानी की ऐसी ही खेप मिलने की घोषणा की थी।
यहां आयोजित एक समारोह में मालदीव में चीनी राजदूत वांग लिक्सिन ने विदेश मंत्री मूसा जमीर को ये खेप सौंपी। इस मौके पर जमीर ने कहा कि चीन ‘‘मालदीव का अच्छा दोस्त’’ है, खासकर चुनौतीपूर्ण समय और संकट के दौरान ये अहम सहयोगी हैं।
दिसंबर 2014 में, माले जल और सीवरेज कंपनी परिसर में भीषण आग लगने के बाद मालदीव अपने अपने सबसे खराब जल संकट से गुजर रहा था और इसी दौरान भारत ने चार दिसंबर 2014 को ‘ऑपरेशन नीर’ चलाकर मालदीव को पानी उपलब्ध कराया था।
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