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स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा दो साल में तिगुना हुआ, 2024 में 37,600 करोड़ रुपये पहुंचे

स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा दो साल में तिगुना हुआ, 2024 में 37,600 करोड़ रुपये पहुंचे

नई दिल्ली, 21 जून 2025: स्विस नेशनल बैंक (SNB) की हालिया रिपोर्ट ने एक बार फिर भारतीय जमाकर्ताओं द्वारा स्विस बैंकों में रखे गए धन में भारी वृद्धि का खुलासा किया है। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि 2024 में भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा कुल धन में तीन गुना वृद्धि हुई है, जो 3.5 बिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग ₹37,600 करोड़) तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा 2023 के 1.04 बिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग ₹11,000 करोड़) की तुलना में एक महत्वपूर्ण उछाल है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा व्यक्तिगत खातों से नहीं, बल्कि बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सुरक्षा निवेशों से आया है। कुल जमा का केवल 11% ही व्यक्तिगत खातों से संबंधित है, जो यह दर्शाता है कि यह वृद्धि मुख्य रूप से संस्थागत भागीदारी के कारण है।

भारतीय और स्विस दोनों अधिकारियों ने इस बात पर स्पष्टीकरण दिया है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा “काला धन” नहीं माना जा सकता है। इसमें अक्सर वैध व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े फंड भी शामिल होते हैं। यह स्पष्टीकरण उन पुरानी धारणाओं को दूर करने का प्रयास है, जिनके तहत स्विस बैंक को केवल काले धन का ठिकाना माना जाता था।

स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में इस वृद्धि के कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय बांड और सुरक्षा निवेशों में संस्थागत भागीदारी में वृद्धि, वैश्विक वित्तीय प्रणाली में भारत की बढ़ती भूमिका, स्विट्जरलैंड की स्थिर बैंकिंग प्रणाली में विश्वास, और विदेशी मुद्रा प्रबंधन में विविधता लाने की रणनीतियाँ शामिल हैं। ये कारक भारत के वैश्विक वित्तीय एकीकरण और भारतीय संस्थाओं द्वारा किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की बढ़ती मात्रा को दर्शाते हैं।

यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच 2018 से सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान (AEOI) का समझौता लागू है। इस समझौते के तहत, भारत को स्विस बैंकों में रखे गए खातों के बारे में वार्षिक जानकारी प्राप्त होती है, जिससे भारतीय अधिकारियों को किसी भी संदिग्ध लेनदेन पर नज़र रखने में मदद मिलती है। यह समझौता काले धन पर अंकुश लगाने और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत सरकार विदेशी निवेशों की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है और उसने 2024-25 के बजट में काले धन को नियंत्रित करने और विदेशी निवेशों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी है। सरकार का लगातार यह प्रयास रहा है कि अवैध धन के प्रवाह को रोका जाए और देश की अर्थव्यवस्था में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाए। स्विस नेशनल बैंक की यह रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में इसकी बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है।

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