
भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर दो टूक शब्दों में चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि अब किसी भी तरह की बातचीत केवल पाक अधिकृत कश्मीर (POK) को खाली कराने के मुद्दे पर ही होगी। भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता या दखल को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का समर्थन करता रहा है और जब तक वह इस नीति को नहीं छोड़ता, भारत उसके साथ सामान्य रिश्तों की ओर नहीं बढ़ेगा। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि अब बातचीत की कोई गुंजाइश तभी बनेगी, जब वह आतंकवाद का रास्ता छोड़कर शांति और सहयोग की दिशा में गंभीर प्रयास करेगा।
भारत ने यह भी निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि को आगे भी निलंबित रखा जाएगा। यह फैसला सीमा पार से बढ़ते आतंकवादी हमलों को देखते हुए लिया गया है। यह संदेश पूरी तरह स्पष्ट है कि अब ‘पानी और खून’ एक साथ नहीं बह सकते।
भारत का यह रुख इस बात का संकेत है कि वह अब अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी और जो क्षेत्र उसने अवैध रूप से कब्जा किया है, उसे खाली करना ही होगा।
यह सख्त और निर्णायक रवैया यह दर्शाता है कि भारत अब किसी भी तरह के दबाव या दिखावटी बातचीत का हिस्सा नहीं बनेगा, जब तक कि पाकिस्तान ठोस और भरोसेमंद कदम न उठाए।