इजरायल-ईरान युद्ध के बीच ईरानी जनरल का बड़ा बयान: ‘पाकिस्तान करेगा इजरायल पर परमाणु हमला अगर…’
इजरायल-ईरान युद्ध के बीच ईरानी जनरल का बड़ा बयान: 'पाकिस्तान करेगा इजरायल पर परमाणु हमला अगर...'

तेहरान/इस्लामाबाद/तेल अवीव: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और सैन्य संघर्ष के बीच एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। ईरान के एक शीर्ष अधिकारी ने कथित तौर पर कहा है कि यदि इजरायल मौजूदा संघर्ष में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है, तो पाकिस्तान इजरायल पर परमाणु हमला करेगा। यह बयान मध्य पूर्व में पहले से ही अस्थिर माहौल को और अधिक जटिल बना सकता है।
ईरानी अधिकारी का दावा
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ जनरल और ईरानी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य मोहसिन रजाई ने ईरानी सरकारी टेलीविजन पर एक साक्षात्कार के दौरान यह बड़ा दावा किया। रजाई के अनुसार, “पाकिस्तान ने हमें बताया है कि अगर इजरायल परमाणु मिसाइलों का इस्तेमाल करता है, तो हम भी उस पर परमाणु हथियारों से हमला करेंगे।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल और ईरान के बीच मिसाइलों और ड्रोन हमलों का आदान-प्रदान देखा जा रहा है। ईरान ने इजरायल पर उसके सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की है।
पाकिस्तान की आधिकारिक प्रतिक्रिया और स्थिति
हालांकि, ईरानी अधिकारी द्वारा परमाणु हथियारों के उपयोग को लेकर बड़ा दावा किया गया है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से अभी तक इजरायल के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के संबंध में कोई आधिकारिक बयान या पुष्टि नहीं की गई है।
पाकिस्तान ने इजरायल के हमलों के बाद ईरान के प्रति एकजुटता व्यक्त की है और मुस्लिम एकता का आह्वान किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 14 जून को नेशनल असेंबली में बोलते हुए “इजरायली आक्रामकता” के जवाब में मुस्लिम देशों से एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “इस परीक्षा की घड़ी में, हम हर तरह से ईरान के साथ खड़े हैं। हम ईरानी हितों की रक्षा करेंगे। ईरानी हमारे भाई हैं, और उनका दुख-दर्द साझा है।” उन्होंने आगे चेतावनी दी कि यदि मुस्लिम राष्ट्र अब एकजुट नहीं हुए, तो अन्य मुस्लिम देशों को भी इसी तरह के भाग्य का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने भी ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन के साथ एक फोन कॉल में ईरान के प्रति पाकिस्तान की एकजुटता की पुष्टि की, इजरायल के हमलों को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन और क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया।
इजरायल-ईरान संघर्ष की पृष्ठभूमि
दोनों देशों के बीच मौजूदा संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ जब इजरायल ने ईरान पर “पूर्व-खाली हमले” किए। इन हमलों में कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इजरायल को आशंका थी कि ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम की आड़ में परमाणु बम बना रहा है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ करार दिया और कहा कि यह हमला “ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के दिल” पर था और यह तब तक जारी रहेगा “जब तक यह खतरा समाप्त नहीं हो जाता”। ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ के साथ इजरायल पर जवाबी हमला किया और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं तथा ड्रोन हमला किया। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इजरायल ने ईरान के खिलाफ “अपनी दुष्ट और खूनी” हाथ बढ़ाया था और उसे “अपने लिए एक कड़वी नियति” मिलेगी।