$35 ट्रिलियन कर्ज चुकाने के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल कर रहा अमेरिका? रूस ने लगाया गंभीर आरोप

मॉस्को/वाशिंगटन: अमेरिका के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज को लेकर रूस ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। रूस का दावा है कि अमेरिका अपने लगभग $35 ट्रिलियन (ट्रिलियन) के विशाल कर्ज के एक हिस्से को चुकाने के लिए स्टेबलकॉइन (Stablecoins) का इस्तेमाल करने की गोपनीय योजना बना रहा है। यह दावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार, एंटोन कोब्याकोव ने किया है, जिसने वैश्विक वित्तीय जगत में खलबली मचा दी है।


क्या है रूस का गंभीर आरोप?

ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए, एंटोन कोब्याकोव ने आरोप लगाया कि अमेरिकी प्रशासन अपने $35-37 ट्रिलियन के राष्ट्रीय कर्ज के एक बड़े हिस्से को ‘यूएस सपोर्टिव स्टेबलकॉइन’ में बदलकर पूरे वित्तीय सिस्टम को ‘रीसेट’ (Reset) करने की योजना बना रहा है। उनका कहना है कि इस कदम से अमेरिका अपने कर्ज के बोझ से आंशिक रूप से मुक्त होने का प्रयास कर रहा है।


विशेषज्ञों की राय: क्या यह संभव है?

रूस के इस दावे ने क्रिप्टो की भूमिका पर नई बहस छेड़ दी है, हालांकि कई क्रिप्टो और फाइनेंस विशेषज्ञों ने इस दावे को खारिज कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आरोप मुख्य रूप से अमेरिकी बाजारों में विश्वास को कम करने के उद्देश्य से की गई एक भू-राजनीतिक बयानबाजी है।

मुख्य कारण क्यों यह मुश्किल है:

  • निजी कंपनियां करती हैं जारी: यूएसडीसी (USDC) और यूएसडीटी (USDT) जैसे स्टेबलकॉइन निजी कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं, न कि अमेरिकी सरकार द्वारा। राष्ट्रीय कर्ज को इन डिजिटल टोकन में बदलना तकनीकी रूप से डिफॉल्ट (Default) माना जाएगा।
  • मौजूदा कानून: अमेरिकी कानून (जैसे जीनियस अधिनियम 2025) के तहत, स्टेबलकॉइन जारी करने वालों को नकदी या शॉर्ट-टर्म ट्रेजरी में 1:1 का सपोर्ट बनाए रखना होता है। वे कर्ज जारी नहीं कर सकते, न ही देनदारियों को रीसेट या समाप्त कर सकते हैं।
  • नियामक बाधाएं: स्टेबलकॉइन को फेड, ओसीसी (OCC) और फिनसेन (FinCEN) जैसी संस्थाओं की सख्त नियामक निगरानी का पालन करना होता है। इतनी बड़ी राशि को क्रिप्टो में बदलने के लिए कोई कानूनी या व्यावहारिक मार्ग मौजूद नहीं है।

संक्षेप में, विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही अमेरिका ब्लॉकचेन-आधारित वित्त की खोज कर रहा हो, लेकिन कर्ज को क्रिप्टो संपत्ति में बदलने की कोई कानूनी या व्यावहारिक योजना नहीं है जिसका उद्देश्य डिफॉल्ट करना हो।

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