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ISRO की नई उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बड़े खुलासे किए हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, ISRO ने चंद्रयान-4 और 5 के डिजाइन को पूरा कर लिया है और सरकार से मंजूरी की प्रक्रिया में है। इसके अलावा, अगले पांच वर्षों में 70 उपग्रहों के लॉन्च की योजना भी बनाई गई है।

चंद्रयान-4 और 5 मिशन:

  • चंद्रयान-4 मिशन: इसमें चंद्रमा की सतह पर उपकरणों को उतारने, चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी के नमूने धरती पर लाने, और चंद्रमा से अंतरिक्ष यान प्रक्षिप्त करने की प्रक्रिया शामिल है। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा की कक्षा में अंतरिक्ष ‘डॉकिंग’ प्रयोग का प्रदर्शन करना और नमूनों को वापस लाना होगा।
  • चंद्रयान-5 मिशन: इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा पर और गहराई से अनुसंधान करना और अंतरिक्ष यान के नवीन प्रयोग करना होगा।

अगले पांच वर्षों के लिए ISRO की योजनाएं:

  • 70 सैटेलाइट्स का लॉन्च: ISRO ने अगले पांच वर्षों में 70 सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसमें पृथ्वी की निचली कक्षा के लिए उपग्रह, मौसम उपग्रह, और उच्च रिजोल्यूशन इमेजिंग के लिए कार्टोसैट उपग्रह शामिल हैं।
  • नाविक प्रणाली और अन्य उपग्रह: ‘नाविक’ क्षेत्रीय दिशा सूचक प्रणाली के लिए चार उपग्रह, इनसैट 4डी मौसम उपग्रह, रिसोर्ससैट श्रृंखला के उपग्रह, और ओशनसैट श्रृंखला के उपग्रह शामिल हैं।
  • प्रौद्योगिकी प्रदर्शन: इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली और ‘क्वांटम की’ वितरण प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए भी उपग्रहों को विकसित किया जाएगा।

गगनयान और शुक्र ग्रह मिशन:

  • गगनयान परियोजना: ISRO का पहला मानव रहित गगनयान मिशन इस साल दिसंबर में प्रक्षिप्त होने वाला है। सभी प्रणालियां अगले एक से डेढ़ महीने में श्रीहरिकोटा पहुंच जाएंगी, जहां अंतिम परीक्षण और एकीकरण किया जाएगा।
  • शुक्र ग्रह मिशन: वर्तमान में शुक्र ग्रह मिशन को पुनर्मूल्यांकन के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

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