जन्माष्टमी 2025: मथुरा में मनाया जाएगा श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव, विशेष तैयारियां
जन्माष्टमी 2025: मथुरा में मनाया जाएगा श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव, विशेष तैयारियां

मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव पूरे देश में, खासकर मथुरा और वृंदावन में, बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की इस शुभ तिथि पर, बृजवासी अपने घर में एक बालक के जन्म की तरह ही उत्साह के साथ उत्सव की तैयारियां कर रहे हैं। आज मध्य रात्रि 12:00 बजे जैसे ही घड़ी की सुइयां कान्हा के जन्म का संकेत देंगी, समस्त ब्रजवासी और देशवासी अपने नटखट लाला का 5252वां जन्मोत्सव मनाएंगे।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में स्थित भागवत भवन को विशेष रूप से सजाया गया है, जहां इस बार ठाकुर जी सिंदूर और पुष्पों से बने बांग्ले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। जन्मोत्सव के दौरान कान्हा का अभिषेक चांदी के सूप में विराजमान करके कराया जाएगा। इस विशेष अभिषेक के लिए सोने और चांदी से जड़ी कामधेनु की प्रतिमा का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे भगवान का दुग्धाभिषेक किया जाएगा। भक्तों में इस अद्भुत क्षण को लेकर गजब का उत्साह है, और वे ढोल, नगाड़े, बैंड, और बाजे की धुन पर नाचते-गाते जश्न मना रहे हैं। दूर-दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में पहुंच रहे हैं, जिससे पूरा वातावरण कृष्णमय हो गया है।
मंदिर में आज के दिन के कार्यक्रम का विवरण:
- रात 11:00 बजे: गणपति नवग्रह की स्थापना की जाएगी।
- रात 11:55 बजे: सहस्त्र चरण के अनुष्ठान होंगे।
- रात 11:59 बजे: भगवान के प्राकट्य दर्शन के लिए पट बंद कर दिए जाएंगे।
- रात 12:00 बजे से 12:10 तक: प्रकट उत्सव दर्शन और आरती होगी, जब कान्हा का जन्म होगा।
- रात 12:10 से 12:25 तक: महाअभिषेक और दुग्धाभिषेक का अनुष्ठान होगा।
- रात 12:25 से 12:40 तक: रजत पुष्प कमल में ठाकुर जी को विराजमान करके अभिषेक किया जाएगा।
- रात 12:45 से 12:50 तक: श्रृंगार आरती की जाएगी।
- रात 12:55 से 2:00 तक: शयन आरती के बाद उत्सव का समापन होगा।
यह जन्मोत्सव सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का एक महाकुंभ है, जहां हर भक्त अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए लालायित है। मथुरा की गलियों में गूंजते ‘जय श्री कृष्णा’ के जयकारे और भक्तों की अटूट श्रद्धा इस उत्सव को और भी भव्य बना रही है।