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जशपुर का चमत्कारिक नगाड़ा: विजय डंका की अद्भुत कहानी
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित रानीकोम्बो गांव के ईब नदी किनारे रखे चमत्कारिक नगाड़े की कहानी रहस्यमयी और आकर्षक है।
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जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित रानीकोम्बो गांव के ईब नदी किनारे रखे चमत्कारिक नगाड़े की कहानी रहस्यमयी और आकर्षक है। इसे जोड़ा नगाड़ा और विजय डंका के नाम से जाना जाता है। डोम राजाओं के समय से जुड़े इस नगाड़े के बारे में कहा जाता है कि यह प्राकृतिक आपदाओं और संकटों की चेतावनी खुद बजकर दे देता था।
नगाड़े का ऐतिहासिक महत्व:
- समयकाल: सैकड़ों साल पुराना, डोम राजाओं के शासनकाल से संबंधित।
- उद्देश्य: युद्ध में जीत के बाद विजय का ऐलान करने के लिए बजाया जाता था।
- चमत्कारिक विशेषता:
- ईब नदी में बाढ़ या किसी विपत्ति की आशंका पर यह नगाड़ा खुद बजने लगता था।
- इससे लोग सचेत होकर समय रहते तैयारी कर लेते थे।
नगाड़े से जुड़ी रोचक घटनाएं:
- 2011 में संरक्षण प्रयास:
भाजपा नेता दिलीप सिंह जूदेव ने इसे सुरक्षित रखने के लिए रंगमंच निर्माण के लिए डोम समाज को फंड दिया। - 2014 में स्थानांतरण:
जब नगाड़े को मंदिरनुमा छत के नीचे ले जाने का प्रयास किया गया, तो यह हिला तक नहीं। बाद में पूजा-पाठ के बाद ही इसे स्थानांतरित किया जा सका। - चोरी की घटनाएं:
- नगाड़ा चुराने वाले व्यक्तियों की या तो मौत हो गई या उनके परिवार का विनाश हो गया।
- कुछ चोर इसे चोरी कर ले गए, लेकिन नगाड़ा खुद अपनी जगह लौट आया।
पूजा और मान्यता:
यह नगाड़ा अब डोम समाज और अन्य स्थानीय समुदायों के लिए एक पूजनीय स्थल बन गया है। यहां लोग आकर मन्नत मांगते हैं, और ऐसा माना जाता है कि उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं।
आज का संरक्षण:
यह छत के नीचे सुरक्षित रखा गया है और खुले में पड़े इस चमत्कारिक नगाड़े की कहानी लोगों को आकर्षित करती है।