Jaspur News – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन, सुशासन दिवस, पर कुनकुरी के सलियाटोली में आयोजित अटल सुशासन समारोह में जशपुर जिले का विशेष “लोगो” शुरू किया। जशपुर जिले में सरकारी योजनाओं और सरकारी कार्यों में आने वाले पत्रों में यह लोगो प्रयोग किया जाएगा। लोगो में जशपुर की सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सुंदरता बहुत खूबसूरती से दिखाई देती है।
लोगो को एक वृत्ताकार आकार में बनाया गया है, जो समन्वय का प्रतीक है। हरे रंग का इस्तेमाल जशपुर की हरी-भरी हरियाली को दर्शाता है, जो वहाँ के सुंदर प्राकृतिक वातावरण को दर्शाता है। लोगो में पहाड़ों से बहता जल जशपुर के प्रसिद्ध जलप्रपातों को दिखाता है। इसमें हाथी और उसके शावक दिखाए गए हैं, जो जशपुर में सदियों से चले आ रहे हाथियों के लिए अनुकूल वातावरण को दर्शाता है। इसके अलावा, इसमें चाय बगानों के चित्र भी हैं, जो सरुडीह, जशपुर के प्रसिद्ध चाय बगानों को दर्शाते हैं।
Logo में भी मधेश्वर पहाड़ हैं –
“जशपुर” शब्द को गेरुआ रंग में लिखा गया है, जो इस क्षेत्र की समृद्ध आदिवासी धरोहर और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। इसमें जशपुर का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल मधेश्वर पहाड़ भी शामिल है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग बताया गया है। “जशपुर” में “एस” का रूप एक सांप के आकार में बना हुआ है, जो जशपुर के तपकरा क्षेत्र, जिसे नागलोक भी कहते हैं, को दर्शाता है। “पी” के ऊपर चाय की पत्तियाँ हैं, जो क्षेत्र के चाय बगानों से संबंधित हैं।