न्याय अब और भी करीब: वर्चुअल सुनवाई से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रचा इतिहास
न्याय अब और भी करीब: वर्चुअल सुनवाई से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रचा इतिहास

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ — छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने न्यायिक प्रणाली में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार विदेश में मौजूद न्यायाधीश द्वारा वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था को साकार किया। यह घटना न केवल राज्य के न्यायिक इतिहास में पहली बार हुई, बल्कि डिजिटल युग में न्याय तक पहुँच को नई दिशा भी दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे वर्तमान में विदेश प्रवास पर हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अदालत के मामलों की सुनवाई करने में अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की कार्यवाही में भाग लिया और निर्धारित मामलों की सुनवाई की।
हाईकोर्ट में लगभग 25 से अधिक मामलों की सुनवाई पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से संपन्न हुई। अदालत कक्ष में याचिकाकर्ता, वकील और संबंधित अधिकारी भौतिक रूप से उपस्थित रहे, जबकि न्यायमूर्ति पांडे ने विदेश से जुड़कर पूरी सुनवाई को संचालित किया।
यह प्रयोग बताता है कि अब तकनीक की मदद से न्याय में देरी को काफी हद तक कम किया जा सकता है, और यह कदम भविष्य के लिए एक प्रेरणा बन सकता है, खासकर उन परिस्थितियों में जब न्यायाधीश देश से बाहर हों या किसी कारणवश फिजिकल कोर्ट में उपस्थित न हो सकें।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का यह कदम “डिजिटल इंडिया” अभियान और ई-कोर्ट परियोजना की दिशा में एक मजबूत पहल के रूप में देखा जा रहा है। इससे ना केवल न्याय प्रक्रिया को गति मिलेगी, बल्कि पारदर्शिता और सुविधा में भी वृद्धि होगी।