जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायधीश, राष्ट्रपति मुर्मू ने दी शपथ
जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के समक्ष भारत के 51वें मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ली।
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली – जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के समक्ष भारत के 51वें मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ली। इस महत्वपूर्ण नियुक्ति के साथ, न्यायपालिका में एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है। पूर्व में मुख्य न्यायधीश पद पर कार्यरत जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 10 नवंबर को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति ली थी, और उनकी सिफारिश पर जस्टिस खन्ना को इस उच्चतम न्यायिक पद पर नियुक्त किया गया है।
जस्टिस संजीव खन्ना की पृष्ठभूमि
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की है। दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले, वे तीसरी पीढ़ी के वकील के रूप में प्रतिष्ठित थे। उनके पास व्यापक अनुभव है, जिसमें राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की विरासत
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसलों में न्याय प्रदान किया और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को ऊँचा उठाया। उनकी नेतृत्व क्षमता और न्यायिक दृष्टिकोण ने उन्हें एक सम्मानित और प्रभावशाली न्यायधीश के रूप में स्थापित किया। जस्टिस खन्ना की नियुक्ति उनके द्वारा छोड़े गए मजबूत आधार पर की गई है।
न्यायपालिका में नई दिशा
जस्टिस संजीव खन्ना की नियुक्ति से न्यायपालिका में नई ऊर्जा और दृष्टिकोण की उम्मीद है। उनके कानूनी ज्ञान और अनुभव से उच्चतम न्यायालय को नए आयाम प्राप्त होंगे। वे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
समाज की प्रतिक्रिया
जस्टिस खन्ना की नियुक्ति को लेकर विभिन्न कानूनी विशेषज्ञों और नागरिकों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्हें न्यायपालिका में उनके अनुभव और विशेषज्ञता के लिए सराहा गया है। समाज में न्यायपालिका की गरिमा और विश्वास को बनाए रखने के लिए उनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।