छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में रायपुर की किन्नर काजल की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। पुलिस जांच में पता चला है कि काजल की हत्या गद्दी हथियाने की साजिश के तहत की गई। इस जघन्य अपराध के लिए 12 लाख रुपये में सुपारी दी गई थी।
घटना की शुरुआत
बलौदाबाजार के एक पत्थर खदान में काजल का शव मिला था। शव के पास डेढ़ लाख रुपये भी बरामद हुए। पुलिस ने जांच शुरू की और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हत्या की पुष्टि हुई।
हत्या की वजह: गद्दी की लालच
जांच में सामने आया कि आरोपी तपस्या किन्नर, जो मुंबई से रायपुर आई थी, मठ प्रमुख बनने की चाहत में काजल को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानती थी। उसने निशा श्रीवास के साथ मिलकर इस हत्या की योजना बनाई।
साजिश की परतें
सितंबर में गणेश उत्सव के दौरान, तपस्या ने 12 लाख रुपये जुटाए और निशा को सौंपे। निशा ने अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के माध्यम से यह रकम सुपारी किलर को दी। हालांकि, पहले तय किया गया सुपारी किलर जेल चला गया, जिसके बाद नए किलर्स अंकुश और कुलदीप को शामिल किया गया।
वारदात का दिन
17 नवंबर को निशा ने काजल को झूठ बोलकर साथ चलने को कहा। अमेरा गांव के पास कार रोकी गई, और सुपारी किलर्स ने पैसे लेने का नाटक किया। इसके बाद अंधेरा होने पर पत्थर खदान के पास काजल की चाकू से हत्या कर दी गई। निशा और ड्राइवर हिमांशु मौके से भाग गए, जबकि सुपारी किलर्स ने शव खदान में फेंक दिया।
गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी
पुलिस ने तपस्या किन्नर, निशा श्रीवास, ड्राइवर हिमांशु बंजारे और सुपारी किलर कुलदीप को गिरफ्तार किया। इनसे कैश, कार और हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
- तपस्या किन्नर उर्फ मोहम्मद इमरान भोईर (36 वर्ष)
- निशा श्रीवास किन्नर (51 वर्ष)
- हिमांशु बंजारे (28 वर्ष)
- कुलदीप कुमार कुरील (29 वर्ष)
पुलिस का बयान
बलौदाबाजार पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड की साजिश गहरी और जटिल थी। आरोपियों को जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा। यह घटना सत्ता की लालसा में किए गए अपराध का भयावह उदाहरण है।
यह मामला समाज में गहरी चर्चा का विषय बन गया है और किन्नर समाज के भीतर की साजिशों पर भी सवाल खड़े करता है।