कर्रेगुट्टा मुठभेड़: 20 नक्सलियों की पहचान, 11 शव परिजनों को सौंपे गए; कांग्रेस विधायक ने सरकार से मांगा जवाब –
कर्रेगुट्टा मुठभेड़: 20 नक्सलियों की पहचान, 11 शव परिजनों को सौंपे गए; कांग्रेस विधायक ने सरकार से मांगा जवाब -

बीजापुर, छत्तीसगढ़ — छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा के जंगलों में हुई बड़ी नक्सली मुठभेड़ के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे स्पष्ट हो रही है। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में से 20 की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 11 के शवों को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। बाकी शवों की पहचान का कार्य जारी है।
यह मुठभेड़ एक बड़े संयुक्त अभियान का हिस्सा थी, जिसमें सुरक्षा बलों ने पहाड़ी और जंगलों में 15 दिनों तक कठिन ट्रैकिंग कर ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसमें सीआरपीएफ, डीआरजी, बस्तर फाइटर्स और अन्य सुरक्षाबलों की टीमें शामिल थीं। अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नक्सली दस्तावेज बरामद किए गए।
हालांकि मुठभेड़ के बाद अब इस पूरे मामले पर राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया है। बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम शाह मंडावी ने राज्य सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खा रहे हैं। एक ओर मुख्यमंत्री इसे बड़ी सफलता बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गृह मंत्री का कहना है कि बीजापुर में कोई ऑपरेशन नहीं हुआ।
विधायक ने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि मारे गए लोग वास्तव में नक्सली थे या ग्रामीण। उन्होंने कहा कि यदि वे नक्सली थे तो उनकी पहचान करने में इतनी देरी क्यों हो रही है। साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह जनता को सही जानकारी प्रेस विज्ञप्ति या प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दे।
इस मुठभेड़ में एक सीआरपीएफ अधिकारी भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है।
कर्रेगुट्टा मुठभेड़ ने एक बार फिर बस्तर क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों और सरकार की रणनीति को लेकर चर्चा तेज कर दी है। यह देखना अब अहम होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में और क्या खुलासे होते हैं और सरकार क्या स्पष्टीकरण देती है।