कोरिया में बाघ की मौत पर दो वनकर्मियों का निलंबन, हाइकोर्ट ने लिया संज्ञान
कोरिया : छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में बाघ की मौत के मामले में वन विभाग के दो अधिकारियों पर गाज गिरी है। मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बीट प्रभारी और आरए (रेंज अफसर) को निलंबित कर दिया है। यह कदम हाइकोर्ट के संज्ञान लेने और वन विभाग को तलब करने के बाद उठाया गया।
बाघ की मौत से मचा हड़कंप
8 नवम्बर को कोरिया वन मंडल के अंतर्गत गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में एक वयस्क बाघ मृत पाया गया। बाघ का शव कुदरी और कटवार के जंगल में नदी के पास खनखोपर नाले में मिला, जिसके बाद पूरे वन विभाग में हड़कंप मच गया। वनकर्मी और अधिकारियों की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की, और अम्बिकापुर से मुख्य वन संरक्षक व्ही मातेश्वरन भी रात में ही घटनास्थल पर पहुंचे। बावजूद इसके, बाघ की मौत के कारणों का तत्काल पता नहीं चल सका।
शरीर के सभी अंग सुरक्षित थे
बाघ के शव का पीएम करने के बाद उसे अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान बाघ के शरीर के सभी अंग intact थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह प्राकृतिक कारणों से नहीं मरा, बल्कि हत्या या शिकार की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
ग्रामीणों का बयान और सवाल
घटना स्थल के पास के ग्रामीणों ने बताया कि उनके इलाके में पहले कभी बाघ का मूवमेंट नहीं देखा गया था। इस मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाए जाने की मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले भी इस इलाके में एक बाघ और बाघिन की मौत हो चुकी है, जिससे वन विभाग पर सवालिया निशान लग गए हैं।
निलंबन और वन विभाग की जांच
सीसीएफ ने इस मामले में बीट प्रभारी और रेंज अफसर को निलंबित कर दिया है। वन विभाग अब बाघ की मौत की जांच में जुटा हुआ है और जल्द ही इस मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।