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कोरबा ट्रिपल मर्डर केस: 5 आरोपियों को फांसी, एक को आजीवन कारावास की सजा
कोरबा के ट्रिपल मर्डर केस में न्यायालय ने 5 आरोपियों को फांसी और एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। घटना में नाबालिग के साथ गैंगरेप और हत्याएं शामिल हैं।
कोरबा ट्रिपल मर्डर केस: 5 आरोपियों को फांसी, एक को आजीवन कारावास की सजा
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के वनांचल क्षेत्र में 4 वर्ष पूर्व घटित ट्रिपल मर्डर केस में न्यायालय ने 5 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। यह घटना 29 जनवरी 2021 को लेमरु थाना क्षेत्र के गढ़ उपरोड़ा में हुई थी, जहां पहाड़ी कोरवा जनजाति के 16 वर्षीय नाबालिग लड़की और उसके परिवार के तीन सदस्यों की हत्या की गई थी।
संतराम मंझवार ने की थी हत्या की साजिश
- संतराम मंझवार नामक आरोपी का पहले से ही नाबालिग लड़की के साथ बुरा व्यवहार था। जब लड़की ने शादी से इनकार किया और काम छोड़ने की बात कही, तो संतराम ने अपने साथियों के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई।
- 29 जनवरी को लड़की के पिता और भतीजी को बस स्टैंड छोड़ने के बाद, संतराम और उसके साथी उमाशंकर यादव, अनिल कुमार, आनंदराम पनिका, और परदेशीराम ने कोरई गांव में शराब पीने के बाद, लड़की से गैंगरेप किया और फिर सब ने मिलकर लड़की और उसके परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी।
आरोपियों को सजा
- फांसी की सजा: आरोपियों संतराम मंझवार, अनिल कुमार, परदेशीराम, आनंदराम और अब्दुल जब्बार को फांसी की सजा सुनाई गई है।
- आजीवन कारावास: उमाशंकर यादव को आजीवन कारावास की सजा दी गई है।
- अदालत की सुनवाई: मामला अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पाक्सो) डॉ ममता भोजवानी के न्यायालय में चल रहा था, और सोमवार को न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ दोषसिद्ध होने पर यह फैसला सुनाया।
विवेचना और पुलिस कार्यवाही
- पुलिस टीम की भूमिका: इस तिहरे हत्याकांड की विवेचना कोरबा के तात्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक योगेश साहू ने की थी। उन्होंने बारीकी से जांच करते हुए आरोपियों के खिलाफ सभी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए थे, जिसके परिणामस्वरूप दोषियों को सजा मिली।
- मामला और साक्ष्य: इस मामले में 208 पेज का जजमेंट दिया गया है और अभियोजन की ओर से अतिरिक्त विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार मिश्रा ने पैरवी की थी।