लाल बहादुर नगर नगर पंचायत चुनाव: निर्दलीयों की एंट्री से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं, भाजपा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला
छत्तीसगढ़ के नवनिर्मित नगर पंचायत लाल बहादुर नगर में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर के साथ ही
डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के नवनिर्मित नगर पंचायत लाल बहादुर नगर में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर के साथ ही कांग्रेस के दो बागी निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में आ गए हैं, जिससे कांग्रेस का गणित गड़बड़ाता नजर आ रहा है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि मतदाता पार्टी सिंबल के बजाय उम्मीदवार के नाम पर वोट करते हैं, तो किसी निर्दलीय प्रत्याशी की जीत भी संभव हो सकती है।
भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी और निर्दलीयों की स्थिति
- भाजपा ने पूर्व सरपंच देवेंद्र साहू को उम्मीदवार बनाया है।
- कांग्रेस ने पूर्व जनपद पंचायत सदस्य राजकुमार साहू को टिकट दिया है।
- कांग्रेस से टिकट न मिलने पर उषा यदु और राकेश सिन्हा ने निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिससे कांग्रेस के वोट बंटने की संभावना बढ़ गई है।
शीर्ष नेताओं का समर्थन, प्रचार में जोर
चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए वरिष्ठ नेताओं का समर्थन जुटा रही हैं।
- भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र साहू के लिए भाजपा प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा सहित कई बड़े नेता प्रचार कर रहे हैं।
- कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार साहू के समर्थन में डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू प्रचार कर रहे हैं, साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जनसंपर्क किया।
चुनावी मुद्दे: जनता को लुभाने के दावे
▪️ कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार साहू का वादा:
- स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर विशेष ध्यान।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी दूर करेंगे।
- नगर की मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाएंगे।
▪️ भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र साहू का एजेंडा:
- नगर में 100 बिस्तरों का अस्पताल बनवाने का संकल्प।
- कॉलेज और स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करेंगे।
- महिलाओं को महतारी वंदन योजना का पूरा लाभ दिलाने का वादा।
- पीएम मोदी के विजन के तहत नगर का विकास करने की बात।
जनता बदलाव चाहती है, लेकिन किसे वोट देगी?
नगर पंचायत बनने से पहले यहां कांग्रेस समर्थित तुलसी हीरा सोनी सरपंच थीं और इससे पहले उनके पति हीरा सोनी भी इस पद पर थे। स्थानीय लोग अब बदलाव की बात कर रहे हैं, लेकिन यह तय नहीं है कि वे भाजपा, कांग्रेस या निर्दलीय प्रत्याशी में से किसे चुनेंगे।