छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों के बीमा की अंतिम तिथि घोषित, किसानों के लिए महत्वपूर्ण सूचना
छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों के बीमा की अंतिम तिथि घोषित, किसानों के लिए महत्वपूर्ण सूचना

रायपुर, छत्तीसगढ़: प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा कराने की अंतिम तिथि घोषित कर दी गई है। किसानों को 31 जुलाई 2025 तक अपनी फसलों का बीमा कराना अनिवार्य होगा।
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, कीटों का हमला, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि आदि के कारण फसल को होने वाले नुकसान से किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसान बहुत कम प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं, और नुकसान होने पर उन्हें क्षतिपूर्ति मिलती है।
किसानों को क्यों कराना चाहिए फसल बीमा?
छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर करती है। ऐसे में प्राकृतिक आपदाएं किसानों के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं। फसल बीमा किसानों को ऐसी अनिश्चितताओं से बचाता है और उनकी आय को स्थिर रखने में मदद करता है। यह योजना किसानों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने और उन्हें कृषि क्षेत्र में निवेश जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती है।
बीमा कराने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज:
किसान अपनी खरीफ फसलों का बीमा कराने के लिए अपने नजदीकी बैंक, सहकारी समिति, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट (www.pmfby.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
- खसरा-खतौनी (भूमि संबंधी दस्तावेज)
- फसल बुवाई प्रमाण पत्र (पटवारी या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित)
- बुवाई की गई फसल का विवरण
ऋणी और अऋणी किसानों के लिए:
यह योजना ऋणी (जिन्होंने फसल ऋण लिया है) और अऋणी (जिन्होंने फसल ऋण नहीं लिया है) दोनों तरह के किसानों के लिए उपलब्ध है। ऋणी किसानों के लिए बैंक द्वारा स्वतः ही बीमा कर दिया जाता है, लेकिन यदि वे योजना में शामिल नहीं होना चाहते हैं, तो उन्हें अंतिम तिथि से 7 दिन पहले संबंधित वित्तीय संस्था में स्व-हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा करना होगा। अऋणी किसान अपनी इच्छा से इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
नुकसान की स्थिति में क्या करें?
यदि किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल को नुकसान होता है, तो किसानों को 72 घंटे के भीतर इसकी सूचना संबंधित कृषि विभाग, फसल बीमा केंद्र या टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (14447) पर देनी होगी। समय पर सूचना देने से ही दावे का मूल्यांकन और भुगतान सुनिश्चित हो पाता है।
अपील:
राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार न करें और समय रहते अपनी फसलों का बीमा अवश्य करा लें, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।