छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के चर्चित लोहारीडीह कांड में 23 आरोपियों को जमानत मिल गई है। यह जमानत 4 मामलों में दी गई, जिनमें उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले। हालांकि, पुलिस दुर्व्यवहार के मामले में वे अभी जेल में रहेंगे।
क्या है लोहारीडीह कांड?
यह मामला 15 सितंबर को मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र के ग्राम बीजाटोला से शुरू हुआ, जब शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की लाश फांसी पर लटकी मिली। ग्रामीणों ने इसे हत्या मानते हुए रघुनाथ साहू के परिवार पर हमला किया। रघुनाथ साहू को जिंदा जलाने और उनके घर में आग लगाने की घटना हुई। पुलिस ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 एफआईआर दर्ज की और 69 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 33 महिलाएं भी शामिल थीं।
जमानत का आधार
23 लोगों को जमानत इसलिए मिली क्योंकि उनके खिलाफ घटना में शामिल होने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। हालांकि, अन्य मामलों में अब भी कई आरोपी जेल में हैं।
सियासत का तड़का
इस कांड के बाद प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल भी देखने को मिली। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतक प्रशांत साहू के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया और प्रशासन पर सवाल उठाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए कई पुलिस अधिकारियों को लाइन अटैच किया गया और आईपीएस विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया था।