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महाराष्ट्र लाउडस्पीकर विवाद: मुंबई में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने पर मुस्लिम संगठनों ने उठाए सवाल, सरकार से हस्तक्षेप की मांग

महाराष्ट्र लाउडस्पीकर विवाद: मुंबई में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने पर मुस्लिम संगठनों ने उठाए सवाल, सरकार से हस्तक्षेप की मांग

मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर को लेकर चल रहे विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। मुंबई में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने की कार्रवाई पर मुस्लिम संगठनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठनों का दावा है कि पुलिस बिना किसी उचित प्रक्रिया या माप के लाउडस्पीकर हटा रही है, जिससे मुस्लिम समुदाय में रोष है।

मुस्लिम संगठनों के आरोप: मुस्लिम संगठनों का कहना है कि मुंबई पुलिस द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर को जबरन हटाया जा रहा है। उनकी शिकायत है कि यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व चेतावनी या ध्वनि स्तर की जांच के की जा रही है, जबकि उच्च न्यायालय ने ध्वनि स्तर के लिए 45-56 डेसिबल की सीमा निर्धारित की है। संगठनों का आरोप है कि पुलिस नियमों का पालन नहीं कर रही है और उल्लंघन के लिए लाइसेंस रद्द करने या नोटिस जारी करने जैसी उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है।

सपा विधायक अबू आजमी का आरोप: समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने इस अभियान के पीछे भाजपा नेता किरीट सोमैया का हाथ होने का आरोप लगाया है। आजमी का दावा है कि सोमैया इस अभियान को शुरू करने और पुलिस पर दबाव बनाने में लगे हैं, खासकर गोवंडी जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में। उनके अनुसार, यह कार्रवाई विशेष रूप से एक समुदाय को निशाना बनाने के लिए की जा रही है।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात: इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुस्लिम प्रतिनिधियों ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की है। मुस्लिम संगठनों को उम्मीद है कि महायुति सरकार में एक विश्वसनीय नेता के रूप में अजित पवार इस मुद्दे को निष्पक्ष रूप से संबोधित करेंगे और पुलिस की कार्रवाई पर अंकुश लगाएंगे। यह मुलाकात इस विवाद को सुलझाने और समुदाय की चिंताओं को सरकार तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

इस विवाद ने राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और कानून-व्यवस्था को लेकर नई बहस छेड़ दी है। मुस्लिम संगठन उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी शिकायतों पर ध्यान देगी और इस मुद्दे का एक न्यायसंगत समाधान निकालेगी।

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