बिलासपुर: छत्तीसगढ़ मलखंब संघ द्वारा 14 से 18 नवंबर तक बीआर यादव इनडोर खेल परिसर में आयोजित राष्ट्रीय मलखंब प्रतियोगिता में देशभर की टीमों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता के तीसरे दिन बालिका वर्ग की टीम चैंपियनशिप में एमपी ने 80.45 अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ की टीम ने 77.45 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि तमिलनाडु की टीम 75.80 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रही।
व्यक्तिगत आलराउंड में शानदार प्रदर्शन एमपी की माही ने 16.45 अंकों के साथ व्यक्तिगत आलराउंड में शीर्ष स्थान पर जगह बनाई। याशिका ने 16.10 और चेरवी ने 16.5 अंक प्राप्त कर अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। छत्तीसगढ़ की दुर्गेश्वरी 15.95 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर रहीं।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले राज्य इस राष्ट्रीय मलखंब प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पांडिचेरी, दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, चंडीगढ़, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, दादरा नगर हवेली, दीव, और असम सहित कई राज्यों की टीमों ने हैगिंग मलखंब, रोप मलखंब, और पोल मलखंब में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता देर रात तक चलती रही, जिसमें खिलाड़ियों के कौशल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सम्मानित अतिथि और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में मुख्य सामग्री प्रबंधक एसईसीआर बिलासपुर नवीन सिंह, सुरेश सिंह, शालिनी सिंह, रमेश चंद्र श्रीवास्तव (भूतपूर्व आईएएस), गुड्डा कश्यप और मलखंब फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव धर्मवीर सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इन अतिथियों का स्वागत छत्तीसगढ़ मलखंब संघ के पदाधिकारी प्रेमचंद शुक्ला (अध्यक्ष), डॉ. राजकुमार शर्मा (महासचिव), अनिल सिंह (कोषाध्यक्ष) और प्रशांत तिवारी ने बुके व प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में योगदान प्रतियोगिता की सफलता के लिए छत्तीसगढ़ मलखंब संघ के पदाधिकारी अनिल टाह (संरक्षक), प्रेमचंद शुक्ला (अध्यक्ष), डॉ. राजकुमार शर्मा (महासचिव), राजा सरकार, बिसन कसेर (उपाध्यक्ष), विरेंद्र तिवारी, अनिल सिंह (कोषाध्यक्ष), किशोर कुमार वैष्णव, मिलिंद भानदेव, विशाल दुबे, रामपुरी गोस्वामी, मनोज प्रसाद, राजेंद्र पटेल, तरूण पटेल, पु
ष्कर दिनकर, पुरेंद्र कोसरिया, प्रशांत तिवारी, कृष्ण प्रसाद यादव, अंशु भारती, मृणाल मुले, और हर प्रसाद कैवरत सहित कई गणमान्य नागरिकों ने योगदान दिया।