पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा शख्स पकड़ाया, सोनल गर्ग की फर्जी id से हनीट्रैप में फंसा…
गुजरात के भरूच जिले में एक व्यक्ति को कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी की पहचान प्रवीण मिश्रा के रूप में हुई है, पुलिस का कहना है कि आरोपी को ISI हैंडलर ने हनीट्रैप के जरिए फंसाया था।
पुलिस के मुताबिक आरोपी मिश्रा ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित ड्रोन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों को ISI हैंडलर के साथ साझा किया है।
इस बारे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुजरात CID ADGP राजकुमार पांडियन ने कहा, ‘CSL CID क्राइम ने भरूच के पास अंकलेश्वर में एक फैक्ट्री में निगरानी रखी, इसी दौरान हमें प्रवीण मिश्रा नाम का एक व्यक्ति मिला।
इसके बाद उसके फोन की जांच की गई, और उसमें मिली जानकारी के आधार पर हमने उसके खिलाफ IPC की धारा 123, IT अधिनियम और साजिश अपराध के तहत मामला दर्ज किया है।
मुख्य आरोपी, पाकिस्तान की एक ISI हैंडलर है, जिसने अपनी पहचान सोनल गर्ग के रूप में बताई थी।
उसने मिश्रा को बताया था कि वह IBM चंडीगढ़ में काम करती है। उसने प्रवीण मिश्रा को हनीट्रैप में फंसाया और प्रवीण शर्मा से भारत की रक्षा संबंधी जानकारियां निकलवाईं।’
अधिकारी ने आगे कहा कि रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए काम करने वाले कई अन्य लोगों को भी ISI ने निशाना बनाया है। उधर CID ने एक विज्ञप्ति में बताया कि प्रवीण मिश्रा मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है।
भरूच जिले के अंक्लेश्वर में रह रहा था और देश के खिलाफ आपराधिक साजिश को अंजाम देने के लिए व्हाट्स ऐप कॉल व ऑडियो के जरिये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में था, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते थे।
आगे उन्होंने कहा, ‘हनी-ट्रैपर्स देश के रक्षा प्रतिष्ठानों में काम करने वाले या उनसे जुड़े लोगों को निशाना बनाते हैं। प्रवीण मिश्रा ने हैदराबाद में एक संगठन में काम किया था, जिसके बदले में उसे DRDO के साथ काम करने का मौका मिला।
प्रवीण मिश्रा ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की हैं। उनके अलावा, रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए काम करने वाले कई अन्य लोगों को भी निशाना बनाया गया है।
प्रवीण मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने DRDO द्वारा निर्मित ड्रोनों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की थीं।
ISI हैंडलर ने प्रवीण मिश्रा के कार्यालय सर्वर पर भी मैलवेयर इंस्टॉल करने की कोशिश की थी।’ मामले में आगे की जांच जारी है।