भिलाई टाउनशिप में पीएम आवास योजना को लेकर विधायक रिकेश सेन की पहल, मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिया आश्वासन
छत्तीसगढ़ के वैशाली नगर के विधायक रिकेश सेन ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की।

भिलाई: छत्तीसगढ़ के वैशाली नगर के विधायक रिकेश सेन ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। इस बैठक में भिलाई टाउनशिप में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत घर बनाने को लेकर सार्थक चर्चा हुई।
विधायक का प्रस्ताव: खाली जमीन पर पीएम आवास योजना लागू हो
विधायक सेन ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) की कई खाली जमीनें और डिस्मेंटल की गई बिल्डिंग्स पर वर्षों से अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। इससे टाउनशिप की रौनक फीकी पड़ गई है और स्थानीय बाजारों पर भी असर पड़ा है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि इन खाली पड़ी जमीनों और जर्जर इमारतों का उपयोग प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किया जाए, जिससे हजारों परिवारों को अपना घर मिल सके।
अतिक्रमण से मुक्ति और बाजारों में रौनक लौटेगी
भिलाई इस्पात संयंत्र की अनुपयोगी जमीनों पर पीएम आवास बनने से ना केवल अवैध कब्जे रुकेंगे, बल्कि स्थानीय बाजारों को भी फिर से रौनक मिलेगी। इस पहल से हजारों आवासहीन परिवारों को किफायती घर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास होगा।
मंत्री खट्टर ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधायक सेन की इस पहल को सराहा और विभागीय अधिकारियों से प्रस्ताव पर चर्चा की। उन्होंने केंद्रीय इस्पात मंत्री और सेल प्रबंधन से मिलकर इस मुद्दे पर जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया।
टाउनशिप में जल्द बन सकती है पीएम आवास योजना की योजना
भिलाई टाउनशिप में कई डिस्मेंटल की गई इमारतें और खाली प्लॉट्स मौजूद हैं, जिनका उपयोग नहीं हो रहा है। यदि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो पीएम आवास योजना के तहत यहां बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किया जा सकता है। इससे न केवल टाउनशिप की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
हजारों पेंडिंग आवेदन को मिलेगी राहत
वर्तमान में वैशाली नगर और दुर्ग ग्रामीण विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हजारों आवेदन पेंडिंग हैं। जमीन की कमी के कारण इन आवेदनों की स्वीकृति रुकी हुई है। भिलाई इस्पात संयंत्र की खाली जमीनों पर योजना के तहत निर्माण होने से इन आवेदनों को मंजूरी मिलने की संभावना बढ़ेगी।