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हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर: कंगना रनौत के संसदीय क्षेत्र मंडी में चार स्थानों पर फटा बादल, भारी तबाही

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर: कंगना रनौत के संसदीय क्षेत्र मंडी में चार स्थानों पर फटा बादल, भारी तबाही

हिमाचल प्रदेश-  हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है, खासकर मंडी जिले में, जो नवनिर्वाचित सांसद कंगना रनौत का लोकसभा क्षेत्र है। यहां चार अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है, जिससे ब्यास नदी उफान पर है और शिमला में भूस्खलन की गंभीर घटनाएं हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, शिमला में एक पांच मंजिला इमारत पांच सेकंड में ढह गई, जो तबाही की गंभीरता को दर्शाता है। पूरे राज्य में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के कारण कुल 259 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें से अकेले मंडी जिले में 129 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसके अतिरिक्त, 614 ट्रांसफार्मर और 130 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं, जिससे बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। 20 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश संबंधी घटनाओं में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है।

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों के लिए मध्यम बाढ़ के जोखिम की चेतावनी जारी की है। साथ ही, बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बारिश का यह सिलसिला 6 जुलाई तक जारी रहने की संभावना है। पंडोह बांध से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण पंडोह बाजार में दहशत फैल गई है।

हिमाचल प्रदेश के अलावा, झारखंड के छह जिलों, जिनमें रांची भी शामिल है, में 1 जुलाई से 6 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। हरियाणा के सभी जिलों के लिए भी अगले तीन दिनों तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और झज्जर में भारी बारिश की विशेष संभावना है।

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