छत्तीसगढ़

कांकेर के रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों की हलचल, 35 हाथियों और भालुओं ने मचाई दहशत

कांकेर जिले के रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों, खासकर 35 हाथियों और भालुओं का आना बढ़ा। लोग दहशत में हैं, वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग।

कांकेर, छत्तीसगढ़ – कांकेर जिले के रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों का आना दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हाल ही में दुधावा क्षेत्र के साईंमुंडा गांव में 35 हाथियों का झुंड घुसने से इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। इस घटना से पहले, अमोड़ा गांव में 5 भालू राशन दुकान में घुस गए थे, और तीन दिन पहले भी यहां दो भालू देखे गए थे।

कांकेर जिले में वन्य जीवों की हलचल ने लोगों को खासा चिंतित कर दिया है। कांकेर शहर और आसपास के इलाके पहाड़ियों से घिरे हुए हैं, जहां बड़ी संख्या में भालू, तेंदुआ और अन्य वन्य प्राणी मौजूद हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे वन्य प्राणियों को पकड़ने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।

वन्य जीवों की मूवमेंट

कांकेर जिले में वन्य प्राणियों की मूवमेंट तेज हो गई है। पिछले महीने जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर 5 तेंदुओं का झुंड देखा गया था, और वन विभाग के अनुसार इस इलाके में 8 तेंदुए मौजूद हैं। इसके अलावा, दुधावा क्षेत्र के एक गांव में तेंदुए ने तीन बच्चों पर हमला किया, जिसमें एक बच्चा मारा गया और दो अन्य घायल हो गए।

भालुओं और तेंदुओं का हमले

कांकेर में भालू और तेंदुए लगातार रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं। उदय नगर और राम नगर में भालुओं ने दो लोगों पर हमला किया है, और हाल ही में गढ़िया पहाड़ में तेंदुआ देखा गया था। वन विभाग की ओर से इस बढ़ती समस्या पर काबू पाने के लिए जल्द कार्रवाई की आवश्यकता है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में वन्य प्राणियों की बढ़ती आमद

कांकेर जिले का नाम नक्सल घटनाओं के लिए भी चर्चित है, लेकिन अब यह वन्य प्राणियों के लगातार आक्रमण के कारण सुर्खियों में है। वन्य जीवों की बढ़ती संख्या और उनके रिहायशी इलाकों में घुसने से स्थानीय लोगों में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है।

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