
रायपुर – छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता और रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर दिवंगत शिक्षकों के परिजनों के लिए न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने पंचायत एवं नगरीय निकायों के शिक्षकों के 1,242 आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की है, जो वर्षों से नौकरी की प्रतीक्षा में हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि बीते कांग्रेस शासन के दौरान इन दिवंगत शिक्षकों के परिजनों ने राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर 307 दिनों तक लगातार आंदोलन किया। इस दौरान उन्होंने जल सत्याग्रह, दंडवत यात्रा, मुण्डन, जेल भरो आंदोलन जैसे कई शांतिपूर्ण लेकिन असरदार विरोध प्रदर्शन किए। उन्होंने कहा कि तब वे स्वयं नेता प्रतिपक्ष डॉ. रमन सिंह समेत कई भाजपा नेताओं के साथ इन परिजनों के समर्थन में खड़े थे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल 27 पात्र आश्रितों को ही नियुक्ति मिली है, जबकि शेष 1,215 अब भी अनदेखी का शिकार हैं। इनमें से कई को टीईटी परीक्षा में अर्हता न होने के कारण अपात्र करार दिया गया है, वहीं कुछ की उम्र सीमा पार हो रही है, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार से अपील की है कि इस मामले को केवल तकनीकी नजरिए से न देखकर मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्ताव लाकर नियमों में आवश्यक शिथिलता दी जाए, ताकि इन शिक्षकों के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की शासकीय नौकरियों में नियुक्त किया जा सके।
गौरतलब है कि हाल ही में दिवंगत शिक्षकों के परिजनों ने सांसद अग्रवाल से मुलाकात कर अपनी व्यथा साझा की थी और एक ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद सांसद ने तत्काल इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शीघ्र निर्णय की मांग की है।