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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला

डोंगरगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। विवाह में पूजा विधि का उल्लंघन और गलत सामग्री देने के आरोप।

डोंगरगढ़, 18 जनवरी 2025। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। यह मामला डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम कोठीटोला का है, जहां महिला बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में कई गलतियाँ और अनियमितताएँ पाई गईं।

महाराष्ट्र के युवक को योजना का लाभ कैसे मिला?

इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक जोड़ा ऐसा था, जिसमें लड़का महाराष्ट्र का था और लड़की छत्तीसगढ़ की। हालांकि, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत दोनों का मूल निवासी छत्तीसगढ़ होना जरूरी है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि महाराष्ट्र के युवक को छत्तीसगढ़ की योजना का लाभ कैसे मिला। इस पर जांच की आवश्यकता है।

विवाह समारोह में हुई खामियां

  1. समान सामग्री के नाम पर केवल खानापूर्ति:
    • कार्यक्रम में नव विवाहित जोड़ों को 21,000 रुपये का चेक तो दिया गया, लेकिन श्रृंगार के लिए गिल्ट का मंगलसूत्र और बिछिया दिए गए, जो चांदी के नहीं थे। कई जोड़ों ने बताया कि उन्हें पैसे और कुछ श्रृंगार सामग्री के अलावा कुछ नहीं मिला।
  2. विवाह में पूजा पद्धतियों की अनदेखी:
    • इस विवाह कार्यक्रम में कोई हिंदू धार्मिक विधि का पालन नहीं किया गया। कार्यक्रम में जनेऊ और शिखा बंधन के बिना विवाह संपन्न हुआ, जो कि हिंदू धर्म की पारंपरिक पूजा पद्धति के खिलाफ है। पूजा पढ़ने वाले पवन कुमार यादव, जो गायत्री परिवार से जुड़े हैं, ने जनेऊ और शिखा बंधन के बारे में कुछ भी नहीं जाना और कार्य संपन्न करने से इंकार किया।
  3. अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार:
    • अधिकारी मामले में अपना पक्ष देने से बचते हुए नज़र आए। जबकि उन्हें योजना के तहत लाखों रुपये के चेक जारी करने का अधिकार था, लेकिन मामले की जानकारी देने से उन्होंने इंकार किया। इस व्यवहार से यह सिद्ध होता है कि शासन की योजनाओं की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, जबकि वास्तविक लाभ भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।

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