छत्तीसगढ़

रहस्यों से भरी मंडीपखोल गुफा 5 मई को खुलेगी, छत्तीसगढ़ में प्रकृति और आस्था का अद्भुत संगम

रहस्यों से भरी मंडीपखोल गुफा 5 मई को खुलेगी, छत्तीसगढ़ में प्रकृति और आस्था का अद्भुत संगम

गरियाबंद :- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित मंडीपखोल गुफा, जो अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना और रहस्यमय कहानियों के लिए जानी जाती है, इस वर्ष 5 मई को श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए खुलने जा रही है। यह गुफा साल में केवल एक बार, अक्षय तृतीया के बाद आने वाले पहले सोमवार को ही दर्शन के लिए खुलती है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस विशेष अवसर पर, प्रकृति प्रेमी और आस्थावान लोग बड़ी संख्या में इस अनोखी गुफा के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से खिंचे चले आते हैं।

मंडीपखोल गुफा तक पहुंचने का मार्ग अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है। घने जंगलों के बीच से गुजरते हुए, पर्यटकों को कई छोटी नदियों और नालों को पार करना पड़ता है। यह दुर्गम रास्ता ही इस गुफा को और भी रहस्यमय बनाता है। कुछ वर्ष पूर्व, पुरातत्व विभाग की एक टीम ने इस गुफा का विस्तृत सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया कि मंडीपखोल गुफा न केवल भारत की सबसे लंबी गुफाओं में से एक है, बल्कि एशिया की दूसरी सबसे लंबी प्राकृतिक गुफा भी हो सकती है। इसकी विशालता और जटिल संरचनाएं वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं को भी आकर्षित करती हैं।

गुफा के अंदर एक प्राकृतिक कुंड भी स्थित है, जिसे स्थानीय लोग श्वेत गंगा के नाम से पुकारते हैं। इस कुंड के जल को लेकर स्थानीय लोगों में गहरी आस्था है। उनका मानना है कि इस पवित्र कुंड में स्नान करने से कुष्ठ जैसे गंभीर रोग भी ठीक हो जाते हैं। इस मान्यता के चलते, इस कुंड का विशेष महत्व है और दर्शन करने आए कई श्रद्धालु इसमें डुबकी लगाते हैं। गुफा के भीतर प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की आकृतियां भी दिखाई देती हैं, जिनकी श्रद्धालु भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करते हैं।

मंडीपखोल गुफा का द्वार खोलने की एक विशेष परंपरा है। साल में एक बार जब गुफा खुलने का दिन आता है, तो ठाकुरटोला जमींदार परिवार के सदस्य पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार देवी-देवताओं की विशेष पूजा करते हैं। इस पूजा के बाद ही गुफा का द्वार आम लोगों के लिए खोला जाता है। यह परंपरा स्थानीय संस्कृति और आस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

5 मई को मंडीपखोल गुफा खुलने के साथ ही, एक बार फिर प्रकृति और आस्था का यह अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। यह गुफा न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यमय संरचना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की गहरी आस्था और परंपराओं का भी प्रतीक है। इस दिन, हजारों की संख्या में लोग इस अनमोल धरोहर के दर्शन के लिए एकत्रित होंगे, जो छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक विशेष स्थान रखती है।

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