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नागपुर आरएएफ ग्रुप का बस्तर भ्रमण: संस्कृति और कला का अनुभव

नागपुर आरएएफ ग्रुप ने बस्तर का भ्रमण करते हुए केशकाल और फरसगांव की प्राकृतिक सुंदरता, कला-कृतियों और आदिवासी संस्कृति को करीब से देखा। यह ग्रुप 2016 से हर साल किसी क्षेत्र की सांस्कृतिक यात्रा करता है।

फरसगांव। नागपुर से आया आरएएफ ग्रुप (रैपिड एक्शन फोर्स) बस्तर के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव लेने के लिए यहां पहुंचा। ग्रुप ने कांकेर से केशकाल तक साइकिल यात्रा करते हुए वहां की हरी-भरी वादियों और मनोरम दृश्यों का आनंद लिया। इसके बाद उन्होंने फरसगांव की स्थानीय कलाकृतियों और कला के प्रति अपनी रुचि को व्यक्त करते हुए आयरन आर्ट और बेल मेटल के अद्भुत कार्यों को करीब से देखा।

2016 से जारी है यह सांस्कृतिक यात्रा

आरएएफ ग्रुप के सदस्यों ने बताया कि वे 2016 से हर साल एक राज्य में किसी विशेष क्षेत्र का भ्रमण करते हैं। इस बार उन्होंने बस्तर को चुना है, जो अपनी आदिवासी संस्कृति, कला, और जल प्रपातों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस ग्रुप में 8 लोग शामिल हैं, जो बस्तर के सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय जीवनशैली को गहराई से समझना चाहते हैं।

अब तक के भ्रमण का अनुभव

इस ग्रुप ने अब तक महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, असम, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों का भ्रमण किया है। हर साल नई जगह की संस्कृति को नजदीक से जानने और अनुभव करने का उद्देश्य इस यात्रा का मुख्य आकर्षण है।

बस्तर में क्या देखना चाहते हैं?

इस बार का भ्रमण खास तौर पर बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता, जल प्रपातों, आदिवासी जनजीवन और उनकी कला-कृतियों को देखने और समझने के लिए है। ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि वे बेल मेटल और आयरन आर्ट जैसी बस्तर की प्रसिद्ध कला को समझने के साथ-साथ यहां की परंपराओं और रहन-सहन से रूबरू होना चाहते हैं।

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