छत्तीसगढ़

सुकमा में नक्सलियों का आतंक: पूर्व विधायक के रिश्तेदार की निर्मम हत्या-

सुकमा में नक्सलियों का आतंक: पूर्व विधायक के रिश्तेदार की निर्मम हत्या-

SUKMA NEWS – छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बार फिर नक्सली हिंसा का खौफनाक चेहरा सामने आया है। नक्सलियों ने एक ग्रामीण की बेरहमी से हत्या कर दी, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल है। मृतक की पहचान कलमु हिड़मा के रूप में हुई है, जो पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के छोटे ससुर थे। इस हत्या को नक्सलियों द्वारा मुखबिरी के संदेह में अंजाम दिया गया है।

घटना का विवरण-

यह दर्दनाक घटना सुकमा जिले के एक गांव में घटी। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, नक्सलियों ने कलमु हिड़मा को उनके घर से उठाया और जंगल की ओर ले गए। वहां पर नक्सलियों ने ग्रामीणों के सामने ही उनकी निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद इलाके में पर्चे फेंककर नक्सलियों ने दावा किया कि मृतक पुलिस का मुखबिर था।

ग्रामीणों का कहना है कि कलमु हिड़मा का किसी भी प्रकार की मुखबिरी से कोई संबंध नहीं था। यह नक्सलियों की ओर से फैलाया गया झूठ था, जिससे वह क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रख सकें।

पूर्व विधायक मनीष कुंजाम का बयान-

इस हत्याकांड से आहत पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि नक्सली बेगुनाहों को मारकर सिर्फ आतंक फैलाना चाहते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और निर्दोष ग्रामीणों को नक्सलियों के अत्याचार से बचाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।

क्षेत्र में दहशत का माहौल-

यह घटना सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए हालिया हमलों की कड़ी का हिस्सा है। नक्सली अक्सर ग्रामीणों को डराने के लिए मुखबिरी का आरोप लगाकर उनकी हत्या कर देते हैं। इससे पहले भी कई निर्दोष लोग इस हिंसा का शिकार हो चुके हैं।

स्थानीय लोग इस घटना से डरे हुए हैं और प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। कई ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए और ठोस कदम उठाने चाहिए।

सरकार की प्रतिक्रिया-

छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले की जांच कर रही हैं। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। हालांकि, इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि अभी भी नक्सली आतंक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

नक्सलवाद की समस्या और समाधान-

छत्तीसगढ़ के बस्तर और सुकमा जैसे इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव वर्षों से बना हुआ है। नक्सली संगठन ग्रामीणों के बीच डर का माहौल बनाए रखने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सिर्फ सुरक्षा बलों की कार्रवाई ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों को जागरूक करने और उन्हें बेहतर जीवन सुविधाएं देने की जरूरत है। सरकार को सड़कों, शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर भी ध्यान देना होगा, ताकि नक्सली विचारधारा को जड़ से खत्म किया जा सके।

निष्कर्ष-

सुकमा में हुई यह नृशंस हत्या यह साबित करती है कि नक्सली अब भी आम नागरिकों के लिए सबसे बड़ा खतरा बने हुए हैं। सरकार और सुरक्षा बलों को चाहिए कि वे सख्त कदम उठाकर निर्दोष ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही, आम लोगों को भी जागरूक होकर प्रशासन का सहयोग करना चाहिए, ताकि नक्सली हिंसा को खत्म किया जा सके और छत्तीसगढ़ में शांति कायम हो सके।

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