नक्सलियों का हिंसा से मार्ग परिवर्तन: 19 माओवादी ने किया आत्मसमर्पण –
नक्सलियों का हिंसा से मार्ग परिवर्तन: 19 माओवादी ने किया आत्मसमर्पण

BIJAPUR NEWS – छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर आई है, जहां 19 माओवादी उग्रवादियों ने हिंसा के रास्ते को छोड़ते हुए आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 10 माओवादी ऐसे हैं, जिन पर राज्य सरकार ने कुल 29 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इस घटनाक्रम को नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि नक्सलियों का हिंसा से मार्ग परिवर्तन और शांति की ओर लौटना संभव है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी उग्रवादी अब अपनी जीवनशैली में बदलाव की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनका जुड़ाव नक्सलवादी गतिविधियों के साथ जीवन की सबसे बड़ी गलती थी और अब वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारी और सुरक्षा बलों ने इन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया है और इन माओवादियों को एक नई शुरुआत के लिए प्रोत्साहित किया है।
इस साल 2025 में नक्सल उन्मूलन अभियान में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। अब तक 84 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 137 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 56 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए हैं। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब शांति की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, और इस प्रक्रिया में उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास योजना के तहत मदद मिल रही है। राज्य सरकार ने इन माओवादियों को 25 हजार रुपये की सहायता राशि देने का निर्णय लिया है, ताकि उनका पुनर्वास प्रक्रिया सरल और प्रभावी ढंग से हो सके।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में अधिकांश ऐसे थे, जो पहले कई हिंसक गतिविधियों में शामिल थे, जैसे कि फायरिंग, आईईडी ब्लास्ट, और आगजनी। इन माओवादियों ने बताया कि वे अब नक्सलवाद के विचारों से थक चुके हैं और समाज के लिए कुछ सकारात्मक करने का निर्णय लिया है। बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में इनका आत्मसमर्पण नक्सलियों के लिए एक बड़ी चेतावनी हो सकती है, कि अगर वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की शांति योजना को अपनाएं, तो उनके लिए भी पुनर्वास की योजनाएं उपलब्ध हैं।
पुलिस विभाग का मानना है कि यह आत्मसमर्पण न केवल इस क्षेत्र में शांति लाने के लिए मददगार होगा, बल्कि अन्य नक्सलियों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा। पुलिस और प्रशासन ने इन माओवादियों को शांति और सुरक्षा का आश्वासन दिया है, ताकि वे अपने परिवारों के साथ एक नए जीवन की शुरुआत कर सकें।
इस घटनाक्रम को राज्य सरकार के नक्सल विरोधी अभियान की सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें स्थानीय नागरिकों को भी अपने सहयोग से नक्सलवाद के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले ही इस अभियान के तहत कई क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाए हैं, जो नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए एक सकारात्मक माहौल बना रहे हैं।
अंततः, इस आत्मसमर्पण को नक्सलवाद के खात्मे और समाज में शांति की ओर एक बड़ा कदम माना जा सकता है। यह घटना साबित करती है कि अगर सही मार्गदर्शन और मदद मिले, तो हिंसा और आतंक के रास्ते को छोड़कर लोग शांति की ओर लौट सकते हैं।