पर्यावरण संरक्षण और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने अपनी नई ई-व्हीकल (EV) नीति के तहत वाहन चालकों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। इस नई नीति के अंतर्गत, इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की खरीद पर अब 35,000 से 40,000 रुपये तक की भारी सब्सिडी प्रदान की जा सकती है। यह कदम न केवल मध्यम वर्ग के लिए वाहन खरीदना आसान बनाएगा, बल्कि प्रदूषण कम करने की दिशा में भी एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
मध्यम वर्ग और ऑटो चालकों को मिलेगा सीधा लाभ
नई नीति का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो पुराने पेट्रोल या डीजल वाहनों को बदलकर इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट होना चाहते हैं। दोपहिया वाहनों (स्कूटर/बाइक) के लिए सरकार ने सब्सिडी की सीमा को आकर्षक बनाया है, जिससे बैटरी वाले वाहनों की शुरुआती कीमत काफी कम हो जाएगी। वहीं, तिपहिया (ऑटो-रिक्शा) चालकों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है। उन्हें अपना स्वरोजगार चलाने के लिए कम लागत में आधुनिक और किफायती वाहन उपलब्ध हो सकेंगे।
प्रदूषण मुक्त भविष्य की ओर कदम
सरकार का लक्ष्य साल 2030 तक सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी करना है। अधिकारियों के मुताबिक, सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में (DBT के माध्यम से) भेजने की तैयारी है ताकि प्रक्रिया पारदर्शी रहे। इसके साथ ही, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी शहरों में नए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं।
कैसे उठाएं लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को अधिकृत डीलर्स के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा। बैटरी की क्षमता (kWh) के आधार पर सब्सिडी की राशि तय की जाएगी। नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर अतिरिक्त लाभ दिया जाए, जिससे लोग पुराने वाहनों को सड़क से हटाकर इको-फ्रेंडली विकल्पों को चुनें।