सरकारी सद्बुद्धि के लिए एनएचएम कर्मचारियों ने किया हवन, हनुमान चालीसा का पाठ –
सरकारी सद्बुद्धि के लिए एनएचएम कर्मचारियों ने किया हवन, हनुमान चालीसा का पाठ -

कांकेर, छत्तीसगढ़: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रही हड़ताल के 16वें दिन एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले कांकेर जिले के करीब 655 कर्मचारियों ने सरकार को सद्बुद्धि देने और उनकी मांगों को पूरा कराने के लिए हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया और यज्ञ में आहुतियां दीं। उन्होंने इसे ‘संविदा प्रथा की पूर्णाहुति’ नाम दिया।
एनएचएम कर्मचारी पिछले 16 दिनों से लगातार हड़ताल पर हैं, उनकी प्रमुख मांगों में नियमितीकरण, स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर, ग्रेड पे और अनुकंपा नियुक्ति शामिल हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि वे पिछले दो दशकों से शोषण, पीड़ित और कम वेतन में काम कर रहे हैं। इस लंबे समय के संघर्ष के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 27% वेतन वृद्धि की घोषणा की थी, लेकिन एनएचएम कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिला। इसके अलावा, भाजपा ने भी 2023 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में उनकी समस्याओं का समाधान करने का वादा किया था। हालांकि, सरकार बनने के बाद 175 से अधिक ज्ञापन सौंपने के बावजूद उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए गए बयान का भी कर्मचारियों ने खंडन किया है। मंत्री ने कहा था कि उनकी 10 में से पांच मांगें पूरी कर दी गई हैं, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि यह एक भ्रामक बात है और केवल एक मांग पर ही सर्कुलर जारी किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों के स्वरूप को बदलने का प्रयास कर रही है और केंद्र सरकार पर टाल रही है, जबकि स्वास्थ्य कर्मचारियों का मामला सीधे तौर पर राज्य सरकार के अधीन आता है।
बर्खास्तगी नोटिस जारी होने के बाद भी कर्मचारियों ने हार नहीं मानी है। उनका कहना है कि वे अपनी मांगों के पूरा होने तक लड़ाई जारी रखेंगे। कांकेर में हनुमान चालीसा और हवन के माध्यम से उनका यह प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि वे अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर हैं और सरकार को जगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।