निषाद कुमार: पेरिस में गाड़ा कामयाबी का झंडा, 7 साल में खोया हाथ, आज बन गए प्रेरणा
पेरिस: भारत के निषाद कुमार ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में मेन्स हाई जंप T47 इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा। यह उनका लगातार दूसरा सिल्वर मेडल है, क्योंकि उन्होंने 2021 के टोक्यो पैरालंपिक में भी रजत पदक जीता था। हालांकि, उन्हें इस बार भी संतोष नहीं मिला, क्योंकि उन्होंने 2.08 मीटर की तीनों छलांगों में असफलता का सामना किया, जबकि यूएसए के रोडरिक टाउनसेंड ने लगातार तीसरा स्वर्ण जीता।
निषाद कुमार की प्रेरणादायक यात्रा
पैरालंपिक की शुरुआत: निषाद कुमार का पैरालंपिक का सफर 2017 में शुरू हुआ था। 2016 में पैरालंपिक गेम्स देखने के बाद उन्होंने यह ठान लिया था कि वे इन खेलों में करियर बनाएंगे। सितंबर 2017 में, उन्होंने अपने घर को छोड़कर पंचकुला शिफ्ट किया और कोच नसीम अहमद की देखरेख में अपने ट्रैक एंड फील्ड करियर की शुरुआत की।
आर्थिक संघर्ष: उस समय निषाद का परिवार दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा था। निषाद ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पास नमक खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे और उनके पिता को अतिरिक्त नौकरी करनी पड़ी। पंचकुला में रहते हुए, निषाद खुद अपना खाना बनाते थे लेकिन वे जानते थे कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं था।
सफलता की शुरुआत: एक साल की मेहनत के बाद, निषाद को 2019 की विश्व चैंपियनशिप से पहले राष्ट्रीय शिविर में शामिल किया गया। पटियाला के SAI केंद्र में उनकी आवास और पोषण का ध्यान रखा गया, जिससे वे पूरी तरह से अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सके। इस मेहनत का फल मिला और उन्होंने 2 मीटर की छलांग लगाकर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
अंतरराष्ट्रीय सफलता: निषाद ने 2021 के टोक्यो पैरालिंपिक, 2023 और 2024 की विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीते और पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया, जिससे उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की।
हाथ खोने की कहानी
हादसे की यादें: निषाद कुमार ने सात साल की उम्र में खेत में घास काटने वाली मशीन में अपना दाहिना हाथ खो दिया था। उस समय वे बहुत छोटे थे और इस हादसे का मतलब नहीं समझ पा रहे थे। निषाद ने कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगा या यूं कहें कि मुझे समझ में नहीं आया कि मैं दूसरों से अलग हूं। मैं मंदिर जाता था और भगवान से प्रार्थना करता था कि वे मुझे मेरा हाथ वापस दे दें। भगवान ने मेरा एक हाथ छीन लिया, लेकिन देखिए उन्होंने मुझे बदले में क्या-क्या दिया।”