छत्तीसगढ़
बस्तर में अब काले झंडों की जगह लहराएगा तिरंगा, 29 गांवों में पहली बार मनेगा स्वतंत्रता दिवस
बस्तर में अब काले झंडों की जगह लहराएगा तिरंगा, 29 गांवों में पहली बार मनेगा स्वतंत्रता दिवस

रायपुर, 13 अगस्त: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 29 गांवों में इस साल स्वतंत्रता दिवस का जश्न पहली बार मनाया जाएगा। यह उन इलाकों में एक ऐतिहासिक क्षण है जहां दशकों तक नक्सलियों का प्रभाव रहा है और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर काले झंडे फहराए जाते थे। सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों और लगातार चलाए जा रहे अभियानों के कारण अब इन गांवों में शांति और विकास की नई सुबह आई है।
ये गांव मुख्य रूप से सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में स्थित हैं। बीजापुर जिले के 11 गांव, जिनमें पुजारी कांकेर जैसे दुर्गम इलाके भी शामिल हैं, अब सुरक्षा बलों की पहुंच में हैं। यहां तक कि कोंडापल्ली और जिडपल्ली जैसे गांव, जो कभी नक्सलियों के बटालियन नंबर 1 के कोर क्षेत्र माने जाते थे, अब सुरक्षा बलों के नियंत्रण में हैं।
नारायणपुर जिले में भी 11 गांवों में पहली बार आजादी का पर्व मनाया जाएगा। यहां तक कि अबूझमाड़, जिसे कभी नक्सलियों का अभेद्य किला माना जाता था, वहां भी कई नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं। यह वही अबूझमाड़ है जहां 21 मई को सुरक्षा बलों ने सबसे बड़े नक्सली सरगना बसवराजु को मार गिराया था।
सुकमा जिले के 7 गांवों में भी इस बार तिरंगा फहराया जाएगा, जो इस क्षेत्र में सरकार की वापसी का प्रतीक है। सुरक्षा बलों के इन सफल अभियानों ने न केवल नक्सलियों के प्रभाव को कम किया है, बल्कि इन गांवों में विकास और सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का रास्ता भी साफ किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो इन गांवों के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगी। अब इन गांवों में काले झंडों की जगह राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराएगा, जो एकता और राष्ट्रवाद का प्रतीक है। यह कदम बस्तर के लिए एक नई उम्मीद और एक उज्जवल भविष्य का संकेत है।