प्याज की माला पहनकर संसद पहुंचे सांसद, बढ़ती कीमत पर सरकार को घेरा
बढ़ती प्याज की कीमतों पर संसद में विरोध प्रदर्शन
देश भर में प्याज की कीमतों में अचानक हुई बढ़ोतरी से जनता के साथ-साथ अब यह मुद्दा संसद में भी उठाया जा रहा है। गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने प्याज की माला पहनकर संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने सरकार से प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने की मांग की और नारेबाजी की: “किसान को एमएसपी दो” और “किसानों से अन्याय बंद करो।”
#WATCH | Delhi | MPs from different political parties in opposition protest against the price rise of onions and other vegetables, outside the parliament. As a mark of protest, MPs also wear garlands made of onion as they raise the slogan 'pyaaj ka daam kam karo…'. pic.twitter.com/pt2Qqr4tmq
— ANI (@ANI) August 8, 2024
प्याज की कीमतों में उछाल और जनता की परेशानी
प्याज की कीमतों में इस समय असाधारण वृद्धि देखी जा रही है, जिसके चलते यह 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। आने वाले दिनों में इसके दाम और बढ़ने की आशंका है। इस बढ़ती कीमत ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सांसदों ने सरकार से इस समस्या का तत्काल समाधान निकालने की मांग की।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का आरोप
शिवसेना उद्धव गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार पर किसानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तक नहीं मिल रहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के किसानों को प्याज का निर्यात करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि गुजरात के किसानों को यह सुविधा दी गई है।
चालू वित्त वर्ष में प्याज का निर्यात
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री बी एल वर्मा ने लोकसभा में बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक 2.6 लाख टन प्याज का निर्यात किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चार मई, 2024 से प्याज पर प्रतिबंध हटा लिया है और 550 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) और 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के साथ निर्यात की अनुमति दी है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 16.07 लाख टन प्याज का निर्यात किया था।