ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों में घुटनों के दर्द की समस्या आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका संबंध आपके खान-पान से, खासकर शुगर से भी हो सकता है? आर्थोपेडिक सर्जन और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में बढ़ा हुआ शुगर लेवल हड्डियों और जोड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है जो धीरे-धीरे पूरे शरीर पर असर डालती है। जब ब्लड शुगर का स्तर लगातार बढ़ा रहता है, तो यह शरीर की नसों, मांसपेशियों और जोड़ों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे जोड़ों में सूजन और अकड़न बढ़ जाती है, जिससे दर्द और असुविधा होती है। लंबे समय तक अनियंत्रित शुगर हड्डियों के घनत्व को कम कर देता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
हाई ब्लड शुगर के कारण जोड़ों के आसपास की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और लुब्रिकेशन भी कम होने लगता है। इसके चलते, घुटनों, पीठ और कंधों में जकड़न और दर्द महसूस होने लगता है। शोधों से यह भी पता चला है कि जिन लोगों को रुमेटॉयड अर्थराइटिस है, उन्हें डायबिटीज का खतरा अधिक होता है, और मोटापा दोनों बीमारियों का एक प्रमुख कारण है।
इसलिए, अगर आप ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीज हैं तो अपनी डाइट में शुगर को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से आप जोड़ों के दर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं।