धान खरीदी 2025-26: छत्तीसगढ़ में ₹3100 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य लागू, खरीदी व्यवस्था हुई अधिक तेज और पारदर्शी, किसानों ने जताया सीएम साय का आभार

Paddy Procurement 2025-26: Support price of ₹3100 per quintal implemented in Chhattisgarh,

छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने धान खरीदी वर्ष 2025-26 के लिए धान का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3100 प्रति क्विंटल तय करने का बड़ा निर्णय लिया है। इस फैसले ने राज्य के कृषि क्षेत्र में नई उम्मीद और खुशहाली का संचार किया है। इस वर्ष धान खरीदी की व्यवस्था को पहले से अधिक तेज, पारदर्शी और तकनीक आधारित बनाया गया है, जिसके कारण उपार्जन केंद्रों पर किसानों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

ऐतिहासिक मूल्य से किसानों में नई ऊर्जा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का निर्णय किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। किसान लगातार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

बेमेतरा विकासखंड के किसान चूड़ामणि पटेल जैसे कई कृषकों ने बताया कि इस ऐतिहासिक मूल्य के कारण उनके जीवन में नई ऊर्जा और खुशहाली आई है। यह मूल्य किसानों की अपेक्षाओं पर खरा उतर रहा है और उनके आत्मविश्वास को मजबूत कर रहा है।

ऑनलाइन टोकन और तकनीकी पारदर्शिता

इस वर्ष धान खरीदी की प्रक्रिया में कई नीतिगत सुधार और प्रशासनिक सतर्कता लागू की गई है:

  • ऑनलाइन टोकन प्रणाली: टोकन प्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे किसानों को उपार्जन केंद्र पर अनावश्यक भीड़ का सामना नहीं करना पड़ रहा है और प्रक्रिया आसान हो गई है।
  • तेज और पारदर्शी व्यवस्था: तौल प्रक्रिया से लेकर भुगतान व्यवस्था तक, सभी सुविधाओं को तकनीकी रूप से सुदृढ़ किया गया है। नियमित मॉनिटरिंग के कारण पूरी व्यवस्था पहले से अधिक तेज और पारदर्शी बन गई है।
  • सुचारु केंद्र व्यवस्था: उपार्जन केंद्रों पर किसानों के लिए छाया, पेयजल, पार्किंग और सुरक्षा सहित सभी आवश्यक सुविधाएँ सुचारू रूप से उपलब्ध हैं, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है।

प्रशासन द्वारा लगातार उपार्जन केंद्रों की समीक्षा की जा रही है, ताकि गोदामों की क्षमता, बोरों की उपलब्धता, तौल उपकरण और परिवहन तथा भुगतान में कोई कमी न रहे। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, किसान अपनी उपज को सम्मानजनक, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से विक्रय कर पा रहे हैं।

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