छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए 10 दिसंबर को पूरे प्रदेश में एक दिवसीय धरने का ऐलान किया है।
राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि सरकार का 21 क्विंटल धान खरीदी का दावा फर्जी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं 20 तो कहीं 18-19 क्विंटल धान ही खरीदा जा रहा है। इसके अलावा, बारदानों की कमी और टोकन वितरण में समस्याएं किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं।
मंत्री की चुनौती और आरोप
धान खरीदी पर कांग्रेस के दावों को चुनौती देते हुए मंत्री केदार कश्यप ने कहा, “हमारे पास सभी आंकड़े हैं, जिन्हें सार्वजनिक कर देंगे। कांग्रेस के आरोप निराधार हैं।” वहीं, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दावा किया कि सबसे पहले टोकन कटवाने वाले खुद कांग्रेसी थे।
पूर्व पीसीसी चीफ का बयान
धान उठाव को लेकर पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के दबाव के कारण ही सरकार को मिलर्स से बात करनी पड़ी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मिलर्स की समस्याओं का समाधान पहले ही हो जाना चाहिए था।
कांग्रेस और सरकार के बीच धान खरीदी पर यह टकराव राज्य की सियासत को और गरमा रहा है। अब 10 दिसंबर का प्रदर्शन इस विवाद को किस दिशा में ले जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।