छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में अब तक बोहनी नहीं हो पाई है। इसका मुख्य कारण धान की फसल का पकने में हो रहा विलंब है। इस देरी से किसानों को अपनी फसल बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां पूरे प्रदेश में धान खरीदी का महाभियान चल रहा है, वहीं नारायणपुर के बासिंग, कोहकामेटा और ओरछा जैसे केंद्र अभी खाली पड़े हैं।
फसल में देरी बनी बड़ी समस्या
अबूझमाड़ क्षेत्र के खेतों में धान की फसल अभी पूरी तरह पककर तैयार नहीं हुई है। किसानों का कहना है कि प्राकृतिक परिस्थितियां और मौसम की अनियमितता के कारण फसल पकने में देरी हो रही है। पिछले साल जिले के बासिंग केंद्र में सबसे अधिक धान खरीदा गया था, लेकिन इस बार बोहनी नहीं होने से किसान और कर्मचारी दोनों चिंतित हैं।
सरकार के प्रयास और किसानों की उम्मीदें
पिछले तीन साल से अबूझमाड़ क्षेत्र में सरकारी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी हो रही है। इससे किसानों को बिचौलियों से राहत मिली है और उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है। हालांकि, इस बार फसल की स्थिति ने खरीदी प्रक्रिया को बाधित कर दिया है।
धान खरीदी अभियान की स्थिति
प्रदेश में पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी है, लेकिन नारायणपुर के किसानों को इस लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। खरीदी केंद्रों पर किसान अपनी फसल के पकने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वह जल्द से जल्द केंद्रों तक पहुंच सके।
समस्या का समाधान जरूरी
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि फसल के पकने में हो रही देरी का समाधान किया जाना चाहिए। सरकार को मौसम आधारित तकनीकी उपायों और किसानों के लिए विशेष सहायता योजनाओं पर विचार करना चाहिए।