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धान खरीदी व्यवस्था में अव्यवस्थाओं का अंबार, किसान परेशान

धान खरीदी केंद्रों की अव्यवस्था से किसान परेशान। टोकन कटने के बाद भी 3-7 दिन की देरी, हमालों की कमी और नए नियमों के कारण बढ़ रही दिक्कतें

रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था चौथे दिन भी सुधर नहीं पाई है। टोकन कटने के बावजूद किसान अपना धान बेचने के लिए भटक रहे हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन टोकन सिस्टम में नए नियमों के चलते किसानों को 3 से 7 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है।

प्रमुख समस्याएं:

  1. टोकन और तारीख का विवाद:
    • ऑनलाइन टोकन: किसानों को धान बेचने के लिए 7 दिन बाद बुलाया जा रहा है।
    • ऑफलाइन टोकन: 3 दिन बाद का समय दिया जा रहा है।
    • समितियों के मुताबिक, यह प्रक्रिया शासन के नियमों के तहत हो रही है।
  2. हमालों की कमी:
    • त्योहार और धान कटाई के चलते हमालों की उपलब्धता घट गई है।
    • कई केंद्रों में केवल 3-4 हमाल ही काम कर रहे हैं, जबकि 10 हमालों की आवश्यकता है।
  3. नए नियम से अव्यवस्था:
    • टोकन सिस्टम में संशोधन के कारण किसान तुरंत धान नहीं बेच पा रहे हैं।
    • इस बार 70% छोटे और 30% बड़े किसानों से धान खरीदी का नियम लागू है, जिससे खरीदी प्रक्रिया धीमी हो गई है।

केंद्रों की स्थिति: लाइव पड़ताल

केस 1: ग्राम खिलोरा सहकारी सोसाइटी
प्रबंधक रामनरेश यादव ने बताया कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल धान खरीदने की सीमा है। चार दिनों में केवल 86 किसानों को टोकन जारी हुए हैं, और 3329 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है।

केस 2: ग्राम दंतरेंगा सहकारी सोसाइटी
प्रबंधक जयकुमार सपहा ने कहा कि नए नियमों के कारण किसान 3-7 दिनों तक इंतजार कर रहे हैं। 2 दिसंबर तक टोकन जारी किए जा चुके हैं, और नए टोकन इसी तारीख के बाद जारी होंगे।

केस 3: सेजबहार सहकारी सोसाइटी
प्रबंधक विजय ठाकुर ने बताया कि प्रति दिन 124 कट्टा धान खरीदने की सीमा है, लेकिन हमालों की कमी के चलते 39 कट्टा ही खरीदा जा पा रहा है।

किसानों की स्थिति:

ग्रामीणों ने बताया कि लंबे इंतजार और खरीदी में देरी से उनकी परेशानी बढ़ रही है। पहले टोकन कटने के बाद वे अपनी सुविधा के अनुसार धान बेच पाते थे, लेकिन अब उन्हें निर्धारित तारीख का इंतजार करना पड़ता है।

सरकारी प्रयास और चुनौतियां:

  • विडियो कॉन्फ्रेंसिंग निर्देश:
    जिला सहकारी बैंकों और समितियों को टोकन प्रणाली में सुधार के निर्देश दिए गए हैं।
  • नए नियम:
    70:30 का अनुपात और दैनिक खरीदी सीमा किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहे हैं।
  • टारगेट:
    इस बार 31 मार्च 2025 तक धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है, लेकिन मौजूदा व्यवस्था से इसे पूरा करना मुश्किल लग रहा है।

समाधान की आवश्यकता:

  1. हमालों की संख्या बढ़ाना: त्योहार के बाद सभी हमालों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  2. नियमों में संशोधन: किसानों को तत्काल धान बेचने की सुविधा प्रदान करना।
  3. सिस्टम सुधार: ऑनलाइन और ऑफलाइन टोकन सिस्टम को अधिक पारदर्शी और तेज बनाना।

 

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