संसद का बहुप्रतीक्षित शीतकालीन सत्र आज (दिसंबर 2025) से शुरू हो रहा है, और सत्र शुरू होने से पहले ही सदन में गरमागरम बहस और भारी हंगामे के आसार दिख रहे हैं। विपक्षी दल, सत्तारूढ़ दल को घेरने के लिए SIR (संभवतः किसी प्रमुख जांच रिपोर्ट या स्कैम पर आधारित) मामले और हाल के चुनावों में ‘वोट चोरी’ के गंभीर आरोपों को लेकर लामबंद हो गए हैं।
विपक्ष के हमले के प्रमुख मुद्दे
विपक्षी दलों ने सत्र शुरू होने से पहले ही साफ कर दिया है कि वे इन दो प्रमुख मुद्दों पर सरकार से विस्तृत जवाब मांगेंगे:
- SIR (संभवतः कोई प्रमुख जाँच रिपोर्ट/स्कैम): इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, विपक्ष सरकार पर इस रिपोर्ट या स्कैम से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में विफलता का आरोप लगाएगा। विपक्ष सदन के भीतर इस मुद्दे पर तत्काल बहस की मांग कर सकता है।
- ‘वोट चोरी’ के आरोप: हाल ही में हुए चुनावों में विपक्ष ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के दुरुपयोग और ‘वोट चोरी’ के गंभीर आरोप लगाए थे। विपक्ष इन आरोपों पर सरकार से स्पष्टीकरण और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करते हुए, सदन में हंगामा खड़ा कर सकता है।
सरकार की रणनीति
सत्तारूढ़ दल ने भी विपक्ष के हमलों का सामना करने और विधायी एजेंडा को आगे बढ़ाने की तैयारी कर ली है।
- विधायी एजेंडा: सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी।
- जवाबी हमला: सरकार विपक्ष के आरोपों को निराधार बताकर, अपने कार्यकाल की उपलब्धियों और आर्थिक विकास के आंकड़ों के साथ जवाबी हमला कर सकती है।
शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल, शून्यकाल और स्थगन प्रस्तावों के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है, जिससे सत्र के शुरुआती दिन हंगामे की भेंट चढ़ सकते हैं।